Move to Jagran APP

लिख देने से क्या एंबुलेंस ठीक करा दूंगा.. जहां शिकायत करनी हो करें

मधुबनी। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र व राज्य सरकार ने सारी ताकत झोंक दी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Apr 2020 12:01 AM (IST)Updated: Mon, 13 Apr 2020 06:12 AM (IST)
लिख देने से क्या एंबुलेंस ठीक करा दूंगा.. जहां शिकायत करनी हो करें
लिख देने से क्या एंबुलेंस ठीक करा दूंगा.. जहां शिकायत करनी हो करें

मधुबनी। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र व राज्य सरकार ने सारी ताकत झोंक दी है। मगर, स्थानीय स्तर पर लचर व्यवस्था ने मुश्किल बढ़ा दी है। हाल में एंबुलेंस नहीं मिल पाने से जहानाबाद में एक बच्चे की मौत का मामला सुíखयों में रहा। मगर, इससे भी प्रखंड में एंबुलेंस सेवा देने वाली एजेंसी की कार्य शैली नहीं सुधरी। आलम यह है कि स्थानीय पीएचसी सह रेफरल अस्पताल की एकमात्र एंबुलेंस की भी हालत खराब है। यह काफी दिनों से खराब है। आपातकालीन स्थिति में भी दो-चार लोग मिलकर एक साथ धक्का लगाते हैं तब कहीं यह स्टार्ट हो पाती है। मगर, इसके ठीक कराने को लेकर सवाल किया गया तो एजेंसी के जिम्मेदार अधिकारी का बयान देखिए। सेवा प्रदाता एजेंसी पीडीपीएल सम्मान फंक्शन प्राइवेट लिमिटेड के एसीओ राकेश ठाकुर से कहते हैं, आपके लिख देने से क्या मैं एंबुलेंस ठीक करवा दूंगा। एंबुलेंस अगर खराब है तो किसी को लेकर कहीं नहीं जाएगी। जहां शिकायत करनी हो कर दें। जब मौका मिलेगा तो इसे ठीक कराया जाएगा।

loksabha election banner

इस अधिकारी के बयान से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस विपदा में ये कितने सतर्क हैं। खराब एंबुलेंस की वजह से अगर कोई बड़ी दुर्घटना होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। अस्पताल में पिछले दो माह से एक्स-रे सुविधा बंद होने से गरीब मरीजों को आíथक सहित कई अन्य समस्या उठानी पड़ रही है। वहीं एकमात्र एंबुलेंस बदहाल है। ऐसी नौबत पहले भी आती रही है कि रेफर किए जाने पर मरीज को लेकर जा रही एंबुलेंस रास्ते में ही बंद हो जाती है। कभी ब्रेक फेल तो कई बार स्टार्ट तक नहीं होती। इस बीच मरीज का दम घुटने लगता है। इस एंबुलेंस से जिदगी कितनी सुरक्षित है, अंदाजा लगाया जा सकता है। चिकित्सा प्रभारी रामगोविद झा फरवरी में ही इस बारे में सिविल सर्जन को पत्र लिखकर जानकारी दे चुके हैं। मगर, परिणाम ढाक के तीन पात। एंबुलेंस चालक पंकज झा कहते हैं, बार बार विभाग को बोलने के बाद भी समस्या पर ध्यान नहीं दिया जाता है। इसकी वजह से किसी दिन बड़ी दुर्घटना होने की आशंका है। हेल्थ मैनेजर सुशील कश्यप कहते हैं कि एंबुलेंस की खराब दशा के सुधार की दिशा में विभागीय प्रक्रिया नहीं होने के कारण समस्या बनी हुई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.