पुण्यतिथि पर याद किए गये विनोवा भावे
विनोवा भावे अपना जीवन गरीबों के हितों की रक्षा के लिए न्योछावर कर दिए थे। उनका मंत्र सभी गरीबों को वासगीत के लिए भूमि उपलब्ध कराना आंदोलन बन कर सामने आया था।
मधुबनी। विनोवा भावे अपना जीवन गरीबों के हितों की रक्षा के लिए न्योछावर कर दिए थे। उनका मंत्र सभी गरीबों को वासगीत के लिए भूमि उपलब्ध कराना आंदोलन बन कर सामने आया था। वे एक भूदानी के रुप में सपूर्ण संसार में जाने जाते हैं। यह वातें घोघरडीहा प्रखंड स्वराज्य विकास संघ के जगतपुर स्थित प्रधान कार्यालय पर आयोजित विनोवा जी की पुण्य तिथि पर संघ के संस्थापक तपेश्वर ¨सह ने कहा। सर्वधर्म सभा के बाद विनोवा जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उनको श्रद्धांजली देने के बाद उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए श्री ¨सह ने वताया कि देश की आजादी के लिए सत्याग्रही के रुप में वापू के बाद उनका दूसरा स्थान रहा। उनके एक आवाज पर जमीन दाताओं ने 22 लाख एकड़ भूमि मात्र विहार में ही उपलब्ध हो गया था। उनके आदर्शों एवं कृत्यों के कारण ही मरणों परांत 26 जनवरी 1983 को भारत सरकार द्वारा भारत रत्न की उपाधि दी गई। पूण्य तिथि कार्यक्रम में संघ के मंत्री वासुदेव मंडल, रमेशचन्द्र ठाकुर, शैलेंद्र कुमार कर्ण, हीरा देवी, केवल प्रसाद, शर्मा जी, हरी प्रसाद ¨सह, सोना देवी, पुष्पा कुमारी, कमलेश पसाद ¨सह, स्वर्ण दास, रीता देवी, मोहम्मद इस्लाम, शिवनाथ कुंवर, उमेश कुमार, संतोष कुमार आदि शामिल थे।