बलान नदी में हो रहे कटाव से बलानसेर के ग्रामीणों की नींद उड़ी
बाबूबरही प्रखंड क्षेत्र के तिरहुता पंचायत के बलानसेर गांव में बलान नदी द्वारा हो रहे तीव्र कटाव से ग्रामीणों की चैन छीन गई है।
मधुबनी, जेएनएन। बाबूबरही प्रखंड क्षेत्र के तिरहुता पंचायत के बलानसेर गांव में बलान नदी द्वारा हो रहे तीव्र कटाव से ग्रामीणों की चैन छीन गई है। लोग सहमे हुए हैं। ग्रामीण रामलषण राउत समेत अन्य लोगों ने बताया कि पूर्व में यह नदी ग्रामीणों के लिए वरदान साबित होता था। नदी में सालों भर पानी रहता। फसलें लहलहाती थी। कितु वर्ष 1987,2004 एवं 2019 की बाढ़ की विभीषिका लोगों के जनजीवन को तो अस्त व्यस्त किया ही 25 एकड़ से अधिक भूमि को लील गई। गांव में 99 फीसदी आबादी अतिपिछडों की है। जो गरीब व मध्यम वर्ग के हैं। सहज ही जिनके जमीन नदी लील गई उनका जीवन मझधार में आ लटका है। ऐसे लोगों में रामबहादूर राउत, श्याम राउत, सिफफति लाल राउत,मनोज राउत,गंगा प्रसाद राउत, रामप्रसाद राउत, जंतलाल राउत, महाबीर यादव, श्रीकृष्ण राउत, रामलखण राउत ,विष्णु राउत आदि का नाम शामिल हैं। पूर्व के प्राथमिक विद्यालय की जमीन व हनुमान मंदिर नदी में समा गई है। पूर्व जिला पार्षद के अनुशंसा पर बनी खरंजा वाली सड़क कट गईहै। अब नदी का रूख श्रवण कुमार राउत, देवनारायण राउत, लक्ष्मण राउत,श्री कृष्ण राउत के आवासीय घर की ओर हो गया है। कई अन्य लोगों का भी घर है। सो ये लोग भी दहशत में हैं। रामलखण राउत ने बताया कि एक वर्ष पूर्व विभागीय कुछ अभियंता आए थे। आश्वासन दे गए कि कटाव रोधी कार्य होगा। कितु यह आज तह नहीं हो सका। ग्रामीणों ने कहा कि सरकार कटाव रोधी कार्य प्रारंभ करें वरना ये लोग कहीं का नहीं रहेंगे। बताया गया कि संस्कृत शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष भारती मेहता का घर भी इसी गांव में है।