जयनगर में मिले डेंगू के दो दर्जन मरीज, हड़कंप
मधुबनी। जयनगर मुख्यालय के आसपास के इलाकों में डेंगू का प्रकोप बढ़ गया है। अब तक इस बीमारी की चपेट में दो दर्जन से अधिक लोग आ गए हैं। इससे हड़कंप मच गया है। इन मरीजों का इलाज जयनगर के विभिन्न निजी क्लीनिकों में हो रहा है।
मधुबनी। जयनगर मुख्यालय के आसपास के इलाकों में डेंगू का प्रकोप बढ़ गया है। अब तक इस बीमारी की चपेट में दो दर्जन से अधिक लोग आ गए हैं। इससे हड़कंप मच गया है। इन मरीजों का इलाज जयनगर के विभिन्न निजी क्लीनिकों में हो रहा है। अनुमंडल अस्पताल में इसके बचाव की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां तक कि यहां जांच के लिए किट भी नहीं। वहीं छिड़काव की व्यवस्था नहीं होने से इसके फैलने की आशंका है। जानकारी के अनुसार जयनगर थाने के एसआइ विद्यानंद पांडे भी डेंगू से पीड़ित बताए गए हैं। वे अपने घर पूर्णिया में इलाज करा रहे हैं।
जांच घरों से मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल के प्रभारी डीएस डॉ. एसके विश्वकर्मा के निजी क्लीनिक पर डेंगू के मरीज मिले हैं। इसमें नगर पंचायत के अमित पूर्वे, गोवराही के बैद्यनाथ यादव, दुल्लीपट्टी के प्रवीण झा, बस्ती पंचायत की शिक्षक सीता देवी का इलाज चल रहा है। डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि 15 दिनों में आठ मरीजों के खून के नमूने में डेंगू पॉजीटिव आया है। इसमें डॉ. शैलेंद्र सिंह, वार्ड संख्या छह के दवा दुकानदार रूपेश पूर्वे समेत अन्य शामिल हैं। डॉ. मुकेश महासेठ ने बताया कि दो रोगियों की जांच में पॉजीटिव आया है। इसमें से एक महिला पटना में रहती थी। उनका घर कमलाबाड़ी है। उनकी गंभीर स्थिति को देखते बेहतर चिकित्सा के लिए रेफर कर दिया गया। दूसरा अरविद तिवारी हैं। डॉ. रवि गुप्ता के यहां काम करने वाले कर्मी दिलीप कुमार के अनुसार एक पखवाड़े में पांच मरीज के ब्लड सैंपल पॉजीटिव मिले हैं। इसमें शहर के कैलाश गुप्ता समेत अन्य शामिल हैं। मिथिला जांच घर के प्रवीण कुमार ने बताया कि सप्ताह भर में पांच मरीजों की जांच में डेंगू पॉजीटिव मिला है। लाइफलाइन जांच घर के नरेश कुमार ने बताया कि पिछले माह भी आधे दर्जन डेंगू के मरीज मिले थे।
यहां आंकड़े कुछ चिकित्सकों व जांच घर से मिली जानकारी है। मगर, मुख्यालय समेत आसपास के इलाकों में डेंगू का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। ये अपनी सुविधा के अनुसार दूसरी जगह इलाज करा रहे हैं। नगर पंचायत व अस्पताल प्रशासन की ओर से डेंगू मच्छर के लिए छिड़काव या फॉगिग नहीं कराई जा रही। इससे इसके फैलने की आशंका है। वहीं बाहर से घर आने वाले लोगों को डेंगू होने की आशंका है।