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भूकंपरोधी मकान बनाने का दिया जा रहा प्रशिक्षण

भूकंप के अति संवेदनशील जोन में अवस्थित मधुबनी जिले के पंडौल प्रखंड में भूकंपरोधी चक्रवातरोधी एवं बाढ़रोधी भवनों का निर्माण आवश्यक है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Nov 2018 10:04 PM (IST)Updated: Wed, 28 Nov 2018 10:04 PM (IST)
भूकंपरोधी मकान बनाने का दिया जा रहा प्रशिक्षण
भूकंपरोधी मकान बनाने का दिया जा रहा प्रशिक्षण

मधुबनी। भूकंप के अति संवेदनशील जोन में अवस्थित मधुबनी जिले के पंडौल प्रखंड में भूकंपरोधी चक्रवातरोधी एवं बाढ़रोधी भवनों का निर्माण आवश्यक है। उक्त बातें बीडीओ महेश्वर पंडित ने अंचल कार्यालय के सभागार में आयोजित आपदा न्यूनीकरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। पूर्व निर्मित भवनों के सुदृढ़ीकरण के विषय पर बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा प्रखंड के 30 अनुभवी राजमिस्त्रियों का सात दिवसीय प्रशिक्षण का प्रारंभ सीओ पंकज कुमार, बीडीओ महेश्वर पंडित, प्रखंड प्रमुख आशा देवी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सोमेश्वर प्रसाद, बीएओ कन्हैया राम व पैक्स अध्यक्ष हीरालाल दास ने संयुक्तरूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर प्रखंड प्रमुख आशा देवी ने कहा कि यह प्रशिक्षण मधुबनी जैसे जिले के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मधुबनी जिला भूकंप एवं बाढ़ की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। सीओ पंकज कुमार ने कहा की मधुबनी को भूकंप की दृष्टि से जोन 5 में रखा गया है। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण कार्यों में भूकंपरोधी तकनीक अपनाकर भूकंप से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। डॉ. चौधरी ने कहा कि भूकंप आने पर सबसे ज्यादा नुकसान लोगों की अज्ञानता एवं भवनों के गिरने के कारण होता है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति भवन निर्माण में पूंजी लगाकर अपने परिवार और पूंजी को सुरक्षित करना चाहता है। राजमिस्त्री भवन निर्माण प्रक्रिया की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। इसलिए राजमिस्त्रियों को कम लागत में भूकंप रोधी भवन निर्माण की सभी जानकारियां उपलब्ध कराना आवश्यक है। ताकि, वे इस तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग भवन निर्माण में कर सके। उन्होंने प्रशिक्षण ले रहे राजमिस्त्रियों से प्रशिक्षण में सिखाई जा रही भूकंप रोधी भवन निर्माण तकनीक की बारीकियों को गहनता से सीख कर अपने अन्य साथी मिस्त्रियों को भी सिखाने को कहा तथा इसका उपयोग करते हुए अधिक से अधिक भवन निर्माण कर लोगों को लाभान्वित करने को कहा। उन्होंने उपस्थित राजमिस्त्रियों से आग्रह किया कि कार्यशाला मे बताई जाने वाली विधि को ध्यान से समझें एवं उपस्थित प्रशिक्षक सपना कुमारी व बेचन कुमार तथा इन्चार्ज शिवम शर्मा से नियमित प्रश्न पूछे। ताकि उनकी जिज्ञासा का समाधान हो सके। उन्होंने जनता से भी अपील करते हुए कहा कि जो भी मकान बनाएं वह भूकंप रोधी अवश्य हो ताकि किसी भी भूकंप का आसानी से सामना किया जा सके। इस कार्यक्रम के तहत एक प्रखंड में 30 राजमिस्त्री जिन्हें ईट जोड़ने शट¨रग करने, छड़ बांधने, कंकरी¨टग करने एवं छत बनाने में अनुभव प्राप्त है वे प्रशिक्षण ले रहे हैं। जिन्हें प्रोजेक्टर के माध्यम से भूकंप रोधी चक्रवातरोधी एवं बाढ़ रोधी की तकनीकी जानकारी दी जाएगी। इसके बाद प्रखंड की भूमि पर स्थलीय अभ्यास मॉडल का निर्माण एवं रिट्रोफि¨टग कराया जाएगा । प्रशिक्षण की अंतिम दिन प्रोत्साहन राशि की तौर पर प्रत्येक राजमिस्त्री को 700 प्रतिदिन की दर से 4900 का चेक एवं परीक्षा में पास करने वाले सभी राजमिस्त्री को प्रमाण पत्र दिया जाएगा। अंत में डॉक्टर सुनील चौधरी द्वारा रचित गीत भूकंप में नहीं गिरेगा मकान के सामूहिक गान के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई। मौके पर सीआई अशोक झा, लिपिक सौरभ कुमार, अशोक यादव, मुकेश कुमार समेत आन्य अंचलकर्मी जनप्रतिनिधि एवं अन्य लोग उपस्थित थे ।

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