तीन माह के राशन की काजाबाजारी, विरोध में प्रखंड कार्यालय में हंगामा व तोड़फोड़
मधुबनी। लदनियां प्रखंड की कुमरखत पूर्वी पंचायत के दर्जनों लोगों ने बुधवार को प्रखंड कार्यालय के समक्ष पंचायत के पीडीएस डीलर के खिलाफ प्रदर्शन किया।
मधुबनी। लदनियां प्रखंड की कुमरखत पूर्वी पंचायत के दर्जनों लोगों ने बुधवार को प्रखंड कार्यालय के समक्ष पंचायत के पीडीएस डीलर के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान वीसी कक्ष में तोड़फोड़ की गई। बीडीओ एवं सीओ के समझाने के बाद स्थिति पर काबू पाया जा सका।
प्रदर्शनकारी उपभोक्ताओं की शिकायत है कि कुमरखत पूर्वी के पीडीएस विक्रेता राम परीक्षण सिंह इस आपदा के समय में भी तीन माह से वार्ड संख्या नौ, दस एवं 11 के उपभोक्ताओं को राशन नहीं दी। उक्त राशन का उठाव कर उसकी कालाबाजारी कर दी गई है। इस बाबत पुनिता कुमारी, अमरीका देवी, सुनीता देवी एवं रोहित यादव ने करीब 40 उपभोक्ताओं के हस्ताक्षरित आवेदन बीडीओ को आवश्यक कार्रवाई के लिए सौंपा। आवेदन में डीलर के खिलाफ गाली-गलौज करने एवं झूठा केस में फंसाने की धमकी देने की बात कही है। बीडीओ नवल किशोर ठाकुर ने बताया कि मामले में प्रभारी एमओ को जांचकर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
खाद्यान्न वितरण की मांग को लेकर सड़क जाम
बेनीपट्टी (मधुबनी), संस : प्रखंड के मनपौर गांव के राशन कार्डधारियों ने सरकारी राशन वितरण किए जाने की मांग को लेकर सड़क जाम किया। साथ ही सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। मनपौर पंचायत के पंचायत समिति सदस्य अनिल झा के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्याओं में उपभाक्ताओं ने सड़क जाम किया गया। 12 घंटे के अंदर समस्याओं के निदान नहीं होने पर गुरुवार को प्रखंड कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किए जाने की चेतावनी दी है। राशन कार्डधारियों का आरोप था कि पूर्व में गांव में ही राशन मिलता था। विक्रेता के निधन हो जाने से गांव से आठ किलो मीटर की दूरी पर गैवीपुर गांव जाना पड़ता है। भीषण गर्मी व कोरोना महामारी के दौर में इतनी दूरी पैदल जाना मुश्किल हो रहा है। इस संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी, बीडीओ, सीओ, एंव थानाध्यक्ष बेनीपट्टी को आवेदन भेज दिया गया है।
सर्वे दर सर्वे, राशन कार्ड वंचित रह गए गरीब और योग्य लाभुक
अंधराठाढ़ी (मधुबनी), संस : लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार छिन गए। महानगर व दूसरे राज्य काम करने गए लोग भी लौट गए। आमदनी का जरिया खत्म होने से भोजन पर संकट आ गया। लोगों को भोजन का संकट नहीं हो इसके लिए सरकार ने खाद्यान्न के मुफ्त वितरण की योजना शुरू की। मगर, इसका लाभ उन्हें ही मिला जिनके पास राशन कार्ड थे। जिनके पास राशन कार्ड नहीं थे वे वंचित रह गए। सरकार ने ऐसे योग्य लाभुकों के राशन कार्ड के लिए जीविका दीदियों से सर्वे कराया। ताकि, उनके भी राशन कार्ड बन सकें। मगर, नए सर्वे के बाद भी गरीब योग्य लाभुक के राशन कार्ड नहीं बन सके। वहीं दूसरी ओर बड़ी संख्या में अयोग्य पात्रों के राशन कार्ड ही नहीं बने वे सरकारी राशन का उठाव भी कर रहे।
अंधराठाढ़ी प्रखंड के ऐसे गरीब परिवार अब सुबह-शाम प्रखंड कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। ठाढ़ी, अंधरा, महरैल, देवहार, गौनोली, धकजरी समेत इन गांवों के गरीब, निस्सहाय और लाचार वंचित रह गए। पहले भी आरटीपीएस से नए राशन कार्ड के लिए दिए आवेदनों को रिजेक्ट कर दिया गया था।इस बार सर्वे में जीविका दीदियों ने सुध नहीं ली।
प्रखंड के कृष्ण कुमार चौधरी ने बजाप्ता लोक शिकायत निवारण अधिकारी अधिनियम में परिवाद दायर कर कहा कि उसके परिवार को जीविका के सर्वे में चयनित किया गया था। मगर, उसका राशन कार्ड नहीं बना। इनके अलावा सकलदेव चौधरी, कृष्णा चौधरी, अजय चौधरी, अनिता देवी, पीतांबर झा, मालती देवी, मुन्नू खातून, नजमा खातून, मो. कुद्?दुश, मो. शब्बीर अंसारी, मो. नौशाद आलम आदि ऐसे गरीब परिवार हैं जिनका राशन कार्ड नहीं बन सका। इस कारण इस विपदा में उनके यहां राशन भी नहीं पहुंच सका।
प्रखंड प्रमुख शुभेश्वर यादव करते हैं, ठीक से पड़ताल हो तो पता चलेगा कि 80 फीसद राशन कार्ड अयोग्य पात्र के बने हैं। यहां प्रति फॉर्म लोगों से रुपये की वसूली की गई है। जिन्होंने पैसे दिए उनका शीघ्र कार्ड बन गया। यह जानकारी अधिकारियों को भी है। मगर, ऐसे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। परिणाम है कि राशन कार्ड लूट कार्ड योजना बनकर रह गई। जीविका परियोजना प्रबंधक ने कहा, होगी जांच:
जीविका के परियोजना प्रबंधक विजय कुमार ने बताया कि प्रखंड में करीब 4700 नए राशन कार्ड के लिए आवेदन दिए गए हैं। इसमें जीविका के माध्यम से करीब 2300 और दूसरी एजेंसी से 2400 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जीविका के सदस्यों ने इस काम को पारदर्शिता के साथ किया है। किसी तरह से कोई लेनदेन की शिकायत है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। वहीं बीडीओ राजेश्वर राम ने कहा कि कोई भी योग्य लाभुक राशन कार्ड से वंचित नहीं रहेगा। प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि सभी योग्य पात्रों को इसका लाभ मिल जाए।