जमानत पर रिहा आरोपित को पुलिस ने झंझारपुर कोर्ट में लाकर छोड़ा
मधुबनी। रुद्रपुर थाना क्षेत्र के एक मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर जमानत पर रिहा आरोपितों को रुद्रपुर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर अजीबो-गरीब कारनामा दिखाया।
मधुबनी। रुद्रपुर थाना क्षेत्र के एक मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर जमानत पर रिहा आरोपितों को रुद्रपुर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर अजीबो-गरीब कारनामा दिखाया। हालांकि, रुद्रपुर थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपितों को झंझारपुर कोर्ट में लाने के बाद फटकार मिलने पर तत्काल आजाद कर दिया गया। मगर, इस मामले में रुद्रपुर थाना पुलिस द्वारा मानवीयता एवं कोर्ट के आदेश को ताक पर रख कर कार्य करना उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहा है।
यह है मामला : बीते आठ अप्रैल को रुद्रपुर थाना क्षेत्र के ननौर चौक के पास अलपुरा गांव निवासी जयराम चौपाल की हत्या कर शव फेंकने का मामला सामने आया था। ग्रामीणों द्वारा शव को लेकर ननौर चौक पर सड़क को जाम कर दिया गया था। लोगों की मांग थी की जब तक एसपी साहब घटनास्थल पर नहीं आएंगे शव को पोस्टमार्टम में नहीं भेजा जाएगा। सूचना मिलने पर झंझारपुर डीएसपी ने पहुंच कर सड़क जाम को समाप्त कराया गया। उसके बाद अंधराठाढ़ी के अंचल अधिकारी विष्णुदेव सिंह के आवेदन पर सड़क जाम कर रहे लोगों के विरुद्ध रुद्रपुर थाना में सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने एवं आवागमन अवरुद्ध करने के मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर झंझारपुर कोर्ट द्वारा अलपुरा गांव के 11 आरोपियों रंजीत चौपाल, सुनील पासवान, मोविन आलम, मो. इसराफिल, अशोक चौपाल, मो. ईशा अंसारी, मो. मुबारक, बुचाई पासवान, अब्दुल हलीम, पंकज पासवान एवं भोगेंद्र चौपाल को जमानत पर रिहा किया गया था। जिसमें से रुद्रपुर थाना पुलिस द्वारा बेल मिलने के बावजूद बुधवार की रात बुचाई पासवान एवं रंजीत चौपाल को घर से गिरफ्तार कर लिया गया। झंझारपुर कोर्ट में पुलिस के हाथ से आजाद होने के बाद बुचाई पासवान एवं रंजीत चौपाल ने अपनी व्यथा सुनाते हुए बताया कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने के समय उनके साथ मारपीट एवं अपशब्दों का भी प्रयोग किया गया। कोर्ट से मिली जमानत मिलने की बात एवं सरेंडर स्लिप दिखाने के बावजूद पुलिस द्वारा उन्हें पकड़ कर भर रात थाना हाजत में रखा गया। इधर, रुद्रपुर थानाध्यक्ष गया सिंह ने जानकारी दी की उन्हें यह मालूम नहीं था की आरोपी को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। न उनके द्वारा पुलिस को सरेंडर स्लिप ही दिखाया गया था। झंझारपुर कोर्ट में जमानत मिलने की जानकारी मिलते ही दोनों धराए गए आरोपितों को छोड़ दिया गया है। गिरफ्तार करने आई पुलिस को सरेंडर स्लिप नहीं दिखाया जाना कितना तर्कपूर्ण माना जा सकता है।