आतंकवादियों व उसके आकाओं को मुंहतोड़ जवाब देना होगा
देश के जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर गोरीपोरा में आतंकी हमला में मारे गए सीआरपीएफ के 44 जवानों की घटना से यहां के लोग मर्माहत हैं।
मधुबनी। देश के जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर गोरीपोरा में आतंकी हमला में मारे गए सीआरपीएफ के 44 जवानों की घटना से यहां के लोग मर्माहत हैं। इस आतंकी घटना ने लोगों को स्तब्ध कर दिया हैं। जिले भर में इस घटना की ¨नदा के बीच लोगों में निराशा के साथ-साथ आक्रोश देखा जा रहा है। लोग आतंकी घटना को अंजाम देने वाले तथा उसे संरक्षण देने वाले देश को दुश्मन करार देते हुए उसे मुंहतोड़ जवाव देने की मांग करने लगे हैं। देश के लिए एक बड़ा सदमा के रूप में इस आतंकी घटना के बाद लोगों को धैर्य टूटता जा रहा है। लोग दुश्मन देश के साथ आतंकी संगठन के खिलाफ सड़क पर उतरकर आक्रोश व्यक्त करने लगे हैं। दिल को दहला देने वाले इस घटना को लेकर शहर के गंगासागर चौक स्थित एमडी लाल कैंपस में मिथिला आइटीआइ कार्यालय में ध्रुव नारायण त्रिपाठी की अध्यक्षता में परिचर्चा में शामिल लोगों ने घटना की ¨नदा करते हुए केन्द्र सरकार से जवाबी कार्रवाई की मांग की। लोगों ने कहा कि समय आ गया है कि आतंकी संगठनों के अलावा उसे संरक्षण देने वाले देश को सबक सिखाया जाय। विश्व से आतंकवाद के सफाया के लिए देश को आगे आने का समय आ गया हैं। भारत की अगुवाई में ही संसार से आतंकवाद का खात्मा होगा। देश के मान-सम्मान के साथ सुरक्षा पर आधात करने वालों को किसी भी हाल में माफ नही किया जा सकता हैं। लोगों ने कहा कि अबकी बार आतंकवादियों व उसके संरक्षकों को समुचित जवाव दिए जाने में कोई चूक नही होना चाहिए। परिचर्चा में राजन गुप्ता, अभिनंदन कुमार ¨सह, मिथिलेश कुमार, स्वेता कुमारी, किशोरी कुमारी, शिवम कुमार, सागर कुमार, कन्हैया कुमार, सोनू कुमार, अभिषेक कुमार, राहुल कुमार, नवल कुमार मिश्रा, जीतेन्द्र झा, जयप्रकाश झा, अजीत कुमार, आनंद कुमार, सुंदर कुमार ठाकुर सहित अनय ने हिससा लिया।
'शहीदों की कुर्बानी का कोई मोल नहीं होता। शहीद सैनिकों की सम्मान और देश की रक्षा के लिए सरकार को ठोस कदम बढ़ाना होगा। शहीदों के प्रति कृतज्ञता और निष्ठा का भाव प्रदर्शित करना हमारी संस्कृति रही है। लेकिन अन्याय सहन करना भी मानवता के लिए उचित नही कहा जा सकता है।'
- सरोज मोहन झा
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'वर्षों से देश की खातिर अपने प्राण गंवाने वाले शहीद सैनिकों का कर्ज चुकाने का समय आ गया हैं। देश के दुश्मनों सबक सिखाया जाना चाहिए। ताकि भविष्य में कोई भी आतंकवादी भारत की ओर नजर नही उठा सके। देश की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाने की जरूरत हैं।'
- ऋषिनाथ झा
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'शहीदों की कुर्बानी का कर्ज कभी भी अदा नहीं किया जा सकता लेकिन शहीद सैनिकों के सम्मान बहाल रखने के लिए आतंकवादियों व उसके आकाओं को मुंहतोड़ जवाब देना ही होगा। देशवासियों को एक सच्चे देशभक्त होने के कर्तव्य का पालन करते हुए एकजूट होने का समय आ गया है।'
- बशिष्ठ नारायण झा
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'देशवासी जब अपने परिजनों के साथ खुशियों का पल गुजारते रहते हैं उस पल सैनिक देश की सीमाओं की रक्षा में जुटे रहते हैं। देश की सीमाओं की रक्षा के दौरान शहीद होने वाले सैनिकों की कुर्बानी सदैव याद रखा जाएगा। शहीद सैनिकों के परिजनों साहस रखना होगा।'
- अमरनाथ झा
फोटो 15 एमडीबी 22 'शहीद सैनिकों का सम्मान में एक सच्चे देशभक्त होने के कर्तव्य का पालन करते हुए आतंकवादी घटनाओं को खिलाफ आगे आने की जरूरत हैं। जरूरत पड़ने पर देश की सीमाओं की रक्षा में तैनात होने से पीछे नही हटेगे। शहीदों का बलिदान व्यर्थ नही जाएगा।'
- सज्जन कुमार टिबरेवाल
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