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दो सालों से अधर में लटका है स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट

मधुबनी। मधुबनी शहर को जलजमाव से निजात दिलाने की मांग दशकों से उठती रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 11:53 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 11:53 PM (IST)
दो सालों से अधर में लटका है स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट
दो सालों से अधर में लटका है स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट

मधुबनी। मधुबनी शहर को जलजमाव से निजात दिलाने की मांग दशकों से उठती रही है। जलजमाव मधुबनी शहरी क्षेत्र के लिए बड़ी समस्या रही है। हर बार चुनाव में यह बड़ा मुद्दा बनता रहा है। बावजूद, यह मुद्दा आज तक बरकरार है। हर साल बारशि में शहर तैरता है। ऐसे में शहर को डूबने से बचाने के लिए दो वर्ष पूर्व स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी गई। मगर, यह प्रोजेक्ट शासन-प्रशासन और निर्माण एजेंसी की उदासीनता का शिकार बनकर रह गया। दो साल बाद भी यह प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका। प्रोजेक्ट की स्वीकृति मिलने के बाद लोगों में जलजमाव से निजात की उम्मीद जगी थी, लेकिन प्रोजेक्ट के अधर में लटकने से लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस बार के चुनाव में भी शहरी जलजमाव एक बड़ा मुद्दा बनकर सामने आया है।

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अतिक्रमण की समस्या बन रही बाधक :

एक वर्ष से इस प्रोजेक्ट को शहरी क्षेत्र में लागू करने में अतिक्रमण की समस्या आड़े आती रही है। पुराने कैनालों को अतिक्रमण से मुक्त कराने और नए नाला निर्माण कार्य जारी रखने के लिए जिला प्रशासन द्वारा सीमांकन के लिए मजिस्ट्रेटों के देखरेख में चार टीम का गठन किया गया। मगर, इस टीम की रिपोर्ट फाइलों में समा गई। जिससे अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई और एक बार फिर शहरी क्षेत्र में केनाल निर्माण की बात अधर में लटक गई। इधर, केनाल निर्माण से जुड़ी कंपनियां शहर के बजाय इस प्रोजेक्ट से जुड़े ग्रामीण क्षेत्र में कार्य शुरू कर दिया है। इस प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए शहरी क्षेत्र में अतिक्रमण से निजात दिलाना जिला प्रशासन के लिए नामुमकिन टास्क बनकर रह गया है।

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शहर से सटे भच्छी गांव में चल रहा निर्माण कार्य :

दो वर्ष पूर्व शहर के केनालों के पक्कीकरण के लिए स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट की घोषणा की गई। इसकी घोषणा होते ही श्रेय लेने की होड़ लग गई, मगर इसका कार्य अधर में रहने पर श्रेय लेने वाले नेताओं ने चुप्पी साध ली। विभागीय लापरवाही का शिकार स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज के कार्य की वर्तमान स्थिति से इस लगता है कि इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए अभी वर्षों इंतजार करना पड़ सकता है। शासन-प्रशासन की दाव-पेंच में फंसे इस योजना का कार्य शिलान्यास के बाद से ही धीमी रही है। शहरी क्षेत्र को जलजमाव से निजात के लिए बुडको के तहत एक मार्च 2019 को शहर के थाना चौक स्थित स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज की योजना का शिलान्यास किया गया था। हालांकि, फिलवक्त शहर से सटे भच्छी गांव में केनाल निर्माण कार्य चल रहा है।

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कैनालों पर पक्कीकरण कर सड़क निर्माण की है योजना :

इस प्रोजेक्ट के तहत जलनिकासी के लिए शहर के वाट्सन, किग्स व राज केनालों का पक्कीकरण कर सड़क निर्माण को शामिल किया गया था। शहर के सर्किट हाउस, ऑफिसर्स कॉलोनी, सदर अस्पताल, प्रगति नगर, वाट्सन स्कूल, बिजली कॉलोनी सहित अन्य हिस्सों में जलनिकासी के लिए पंप हाउस और क्रांस ड्रेन निर्माण किया जाना है।

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सरकार और निर्माण कंपनी की मंशा पर सवाल :

शहरी क्षेत्र को जलजमाव से निजात दिलाने के लिए स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट के लिए 114 करोड़ रुपये की मंजूरी के बाद बुडको से एकरारनामा के अनुरूप कार्य नहीं होना सरकार और निर्माण कंपनी की मंशा पर सवाल उठा रहा है। प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने में अबतक उदासीनता सामने आई है।


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