..अभी भी विकास के क्षेत्र में बहुत कुछ करना रहा बाकी
लोकसभा चुनाव का रंग धीरे धीरे लोगों के सर चढ़ने लगा है। झंझारपुर लोकसभा से विभिन्न दल अपने प्रत्याशी की घोषणा कर रहे हैं।
मधुबनी। लोकसभा चुनाव का रंग धीरे धीरे लोगों के सर चढ़ने लगा है। झंझारपुर लोकसभा से विभिन्न दल अपने प्रत्याशी की घोषणा कर रहे हैं। मगर गांव घर से लेकर हर चौक चौराहे पर लोग राजनीतिक चर्चा में मशगूल हैं। भारत की आत्मा गांवों में बसती है। अंधराठाढ़ी प्रखंड के राजनीतिक रूप से जागरूक अंधरा गांव में चुनाव की सरगर्मी कुछ ज्यादा ही है। आखिर इसी गांव के पूर्व मंत्री स्व रामफल चौधरी एक समय देश के समाजवादी आंदोलन के पुरोधा रह चुके हैं। गांव एक न•ार में -
अंधरा गांव प्रखंड मुख्यालय के बिल्कुल करीब स्थित है। अंधरा उत्तर पंचायत के इस गांव की आबादी करीब पंद्रह ह•ार है। अंधरा उत्तर पंचायत में मुख्य रूप से 5 गांव हैं। पंचायत में कुल 15 वार्डो में विभाजित है। बूथों की संख्या 6 और करीब 6000 वोटर हैं। ओबीसी बहुल इस गांव में मुख्य रूप से केवट, मुस्लिम और यादव मतदाताओं की बहुलता है। दलित महादलित मतदाताओं भी अच्छी खासी संख्या है मगर सवर्ण मतदाताओं की संख्या बहुत कम है।
लोगों की चुनावी धारणा को समझने के लिए जब घर से चला तो सात बज रहे थे। अंधरा चौक पर 7.15 पर पहुंचे। लोग चाय पी रहे थे। वहां लोग चुनाव चर्चा कर रहे थे। किस सरकार ने किस प्रकार काम किया इसकी तुलना करने में लगे हुए थे। हम वहां एक कुर्सी पर बैठ लोगों की बात सुनने लगे। एक कप चाय का आर्डर दिया। वहां बैठे शुभ कुमार कामत कह रहे थे कि विकास तो जरूर हुआ है लेकिन अभी भी सबसे प्रमुख समस्या सिचाई, नाला निर्माण और शौचालय की है। इस पर वहां चाय पी रहे रामकुमार ने कहा कि पिछले कुछ सालों में यहां काफी काम हुआ है। सड़क गलियों तक चकाचक है। लेकिन बिचौलियों से जान नहीं छूट रहा है। सुमन कुमार इसमें हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सिचाई यहां की प्रमुख समस्या है। स्ट्रीट लाइट, जलजमाव, कचरा प्रबंधन, जर्जर पोलिग वायरिग, सुविधाविहीन स्वास्थ्य केंद्र, शौचालय निर्माण, कुछ प्रमुख कच्ची सड़कों का पक्कीकरण का काम होना आवश्यक है।
यहां से हम रामफल चौधरी स्मारक स्थल 9 बजे पहुंचे। लोग सुबह शाम यहां जुटते हैं। जिसमें चाय की चुस्की के साथ चुनाव की चर्चा गरम रहती है। यहां के युवा कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी, रोजगार, सड़क आदि दर्जनों समस्याओं पर चर्चा करते नजर आए। अधिकांश लोग चर्चा के दौरान विकास के मामले पर सरकार से संतुष्ट न•ार दिखे। लोगों ने कहना था कि सरकार ने विकास का काम तो किया है। मगर अभी भी बहुत सारे काम बचे हुए हैं। इस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। सरकार के प्रयास से बिचौलिया प्रथा में और कमी आने की चर्चा करते देखे गए।
चर्चा के दौरान युवा शुभम चौधरी ने कहा कि युवाओं और मजदूरों के लिये रोजगार उपलब्ध कर दिया जाए तो यहां के युवाओं और मजदूरों को रोजगार के लिए पलायन नहीं करना पड़ेगा। सामाजिक और राजनीतिक रूप से सजग संजय कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार में विकास का काम तो हुए है। सड़क और शौचालय निर्माण जैसे बुनियादी काम खूब हुए हैं। खासकर बिजली के मोर्चे पर सरकार ने बेहतर काम किया है। सरकार की मुख्य 164 योजनाओं का लाभ सीधे गांवों तक पहुंचा हैं। यदि सिचाई के क्षेत्र में वर्षो से लंबित पलार स्लूईस गेट को सरकार मूर्त रूप दे दे तो गांव की पहचान ही बदल जाएगी। एक बुजुर्ग जय नारायण चौधरी एवं मंगनु राम कहते नजर आए कि इस सरकार में विकास का काम तो हुआ है। किसान समृद्धि योजना सहित सरकार की कई योजनाएं आम लोगो के लिए लाभकारी साबित हुआ है। गौरी कांत चौधरी एवं चंद्रदेव चौधरी ने कहा कि काम की जगह सिर्फ हवाबाजी की गई है। रोजगार और भ्रष्टाचार जैसी बड़ी समस्याओं को दरकिनार कर दिया गया है। बाजार का काम कर चाय की दुकान पर आईं ममता चौधरी ने कहा कि इस सरकार में महिलाओं के लिए कई काम किये गए हैं। लेकिन, महिला शिक्षा और स्वास्थ्य में अब भी बहुत काम करना बाकी है।
इस तरह गांव-गांव में अभी चुनावी चर्चा धीरे-धीेरे गर्माहट की ओर अग्रसर हो रहा है। जहां दो चार लोग बैठते हैं वहां चर्चा शुरू हो जाती है। 10 बजे वहां से लोगों की चुनावी राय को समेटने के साथ हम घर की ओर वापस चल पड़े।