खाजेडीह में 10 सालों से स्टेडियम निर्माणाधीन
लोस चुनाव के बिगुल बजते ही जनता जनार्दन सत्ताधारी दल से पांच वर्षों के विकासात्मक कार्य एवं निर्माणाधीन योजनाओं का हिसाब किताब लेने के लिए तैयार हैं।
मधुबनी। लोस चुनाव के बिगुल बजते ही जनता जनार्दन सत्ताधारी दल से पांच वर्षों के विकासात्मक कार्य एवं निर्माणाधीन योजनाओं का हिसाब किताब लेने के लिए तैयार हैं। चाय की दुकान हो या फिर गांव का चौपाल वोटरों में ऐसी चर्चा सुनने को मिल रही है कि सभी राजनीतिक दलों के कद्दावर नेता चुनावी भाषण में तरह-तरह के वादे करते हैं। लेकिन, जीतने के बाद अधिकतम वादे भूल जाते हैं। खाजेडीह जेसीकेल प्लस टू हाई स्कूल के मैदान में युवा खेल एवं संस्कृति विभाग के राशि से निर्माणाधीन स्टेडियम 10 वर्षो के बाद भी विभाग की उदासीनता से अधूरा पड़ा है। जो इस चुनाव में बड़ा मुद्दा बन कर उभर रहा है।
इस स्टेडियम का 2009 में ही निर्माण कार्य शुरू हुआ। कार्य एजेंसी स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन कार्य प्रमंडल मधुबनी के कार्यपालक अभियंता को बनाया। पूर्व के प्राक्कलन 29 लाख में से 8 लाख प्रथम किस्त एवं वित्तीय वर्ष 2011-012 में 18 लाख कुल 26 लाख 25 हजार राशि निकासी कर ली गई। विभाग ने 18 मार्च 2013 को पुनरीक्षित प्राक्कलन स्वीकृति 49 लाख में से अद्यतन मापी पुस्त में 30 लाख 547 का कार्य कराया जा सका है। बिडंबना है कि प्राक्कलन पुनरक्षित राशि आवंटन के बाद भी स्टेडियम निर्माण कार्य अधर में लटका है।
इसी प्रखंड क्षेत्र के नोनदरही गांव के एक समाजसेवी विष्णुदेव भंडारी के शिकायत पर विभागीय प्रधान सचिव सह द्वितीय अपीलीय प्राधिकार ने 31 जुलाई 2017 को प्रधान सचिव ने निदेशक को स्टेडियम के निर्माण कार्य पूरा कराने के लिए पांच लाख 76 हजार अधियाचित राशि निर्गत करने का आदेश दिया। साथ ही इसकी सूचना डीएम को देने को कहा। विभागीय प्रावधान के मुताबिक भवन निर्माण को दिया। विभागीय व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता व लापरवाही से विभाग से आवंटित राशि से भी स्टेडियम निर्माण कार्य पूरा नहीं करवाया गया और उक्त राशि विभाग को वापस लौटा दिया गया। 10 वर्षों के बाद भी स्टेडियम निर्माण कार्य पूरा नहीं होने जैसी विकास की लेखा जोखा मतदाताओं के मन मे कौंध रहा है।