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नो मैंस लैंड पर खोल ली है दुकान, कर रहे खेती

मधुबनी। भारत-नेपाल सीमा को अलग करने वाले नो मेंस लैंड क्षेत्र भी अतिक्रमण की चपेट में आ गया है। इस कारण सीमा का अस्तित्व मिटने का खतरा उत्पन्न हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 11:12 PM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 06:16 AM (IST)
नो मैंस लैंड पर खोल ली है दुकान, कर रहे खेती
नो मैंस लैंड पर खोल ली है दुकान, कर रहे खेती

मधुबनी। भारत-नेपाल सीमा को अलग करने वाले नो मेंस लैंड क्षेत्र भी अतिक्रमण की चपेट में आ गया है। इस कारण सीमा का अस्तित्व मिटने का खतरा उत्पन्न हो गया है। नो मैंस लैंड का दुरुपयोग कर कई जगहों पर लोग खेती से लेकर दुकान करने लगे हैं। पशुपालक भी नो मेंस लैंड पर मवेशी बांधने से नहीं हिचकते हैं। कई जगह अस्थाई झोपड़ी भी बना रखी है। इससे सीमा सुरक्षा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इस समस्या से पूर्व में भी सशस्त्र सीमा बल द्वारा जिला प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है। मगर, इसका पूरी तरह समाधान नहीं हो पाया है। इसे देखते हुए सशस्त्र सीमा बल, 45वीं वाहिनी, वीरपुर के कमांडेंट ने जिला पदाधिकारी को इस समस्या से अवगत कराया है। उन्होंने इसके समाधान का भी अनुरोध किया है। ताकि, भविष्य में सीमा विवाद संबंधी किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न नहीं हो सके।

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दरअसल, एसएसबी 45वीं वाहिनी, वीरपुर के कार्य क्षेत्र अंतर्गत बाह्यं सीमा चौकी राजपुरा एवं न्यौर की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित नो मैंस लैंड के कुछ स्थानों पर भारतीय नागरिकों द्वारा ही दुकान चलाने से लेकर खेती की जा रही। इस मामले से एसएसबी के कमांडेंट द्वारा लगातार जिला प्रशासन को अवगत कराते हुए उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया जाता रहा है। लेकिन, प्रशासन द्वारा कोई अपेक्षित कार्रवाई नहीं करने के कारण समस्या जस की तस बनी हुई है। इसी के मद्देनजर एसएसबी कमांडेंट ने एक बार फिर जिला पदाधिकारी से अनुरोध किया है। कहा कि सीमा चौकियों के बीच नो मैंस लैंड के अतिक्रमण की जांच कराकर अविलंब सुरक्षा की दृष्टि से एवं भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा के नियमों को ध्यान में रखते हुए ठोस कदम उठाकर उचित कार्रवाई की जाए।


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