माहे रमजान में रोजेदारों पर होती रहमतों की बारिश
मधुबनी। इस्लाम धर्मावलंबियों का महत्वपूर्ण माह-ए-पाक रमजान प्रारंभ हो चुका है। काफी पवित्रता के साथ रोजा रखा जा रहा है।
मधुबनी। इस्लाम धर्मावलंबियों का महत्वपूर्ण माह-ए-पाक रमजान प्रारंभ हो चुका है। काफी पवित्रता के साथ रोजा रखा जा रहा है। लॉकडाउन का पालन करते हुए रोजेदार सामूहिक तरावीह व इफ्तार से परहेज करते हुए घरों में ही तरावीह पढ़ रहे हैं। फिजिकल डिस्टेंसिग का ख्याल रखते हुए सेहरी, तरावीह, इफ्तार के लिए रोजेदारों में काफी तत्परता देखी जा रही है। रमजान पर चना, खजूर, किशमिश, फल सहित अन्य खाद्य वस्तुओं की मांग बढ़ र्गइ है। रमजान को लेकर बच्चों में उत्साह देखा जा रहा है। घर के अन्य सदस्यों के साथ बच्चे भी रोजा रख रहे हैं।
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अल्लाह तआला से कोरोना के कहर से राहत की मिन्नतें
सेवानिवृत्त शिक्षक मो. नूरुद्दीन ने बताया कि इस वर्ष माहे रमजान लॉकडाउन में शुरू हुआ है। रमजान में रोजेदार को लॉकडाउन के साथ फिजिकल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए अल्लाह तआला से कोरोना के कहर से राहत की मिन्नतें करना चाहिए। तराहवीह की नमाज सभी पर सुन्नत है। तराहवीह की नमा•ा मस्जिदों में होती है। लेकिन, लॉकडाउन में रोजेदार अपने-अपने घरों में ही तराहवीह की नमाज अदा करें। रमजान में लॉकडाउन की अवधि खत्म होने तक रोजेदार को घरों में रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि रमजान पाक महीना है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमजान साल का नौवां महीना है। इस महीने में इस्लाम धर्मावलंबी रोजा रखते हैं। अल्लाह तआला ने रोजे को फर्ज करार दिया है। पवित्र कुरान पाक की तिलावत करते हैं। रोजेदार पांच दफे नमा•ा अदा करते हैं। रमजान में अल्लाह तआला गुनाहों से माफी देते है। रहमतों की बारिश होती है। इस पाक महीने में भाईचारे के रिश्ते, सौहार्द और भी मजबूत होते हैं।
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'रमजान का रोजा अपने परिवार के अन्य स्वजनों की तरह रखते हैं। शाम में घर के सभी लोग फिजिकल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए इफ्तार में शामिल होते हैं। लॉकडाउन होने से घर से बाहर नहीं निकलते हैं। स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।'
- मो. शहबाज हुसैन 'रमजान का सभी रोजा रखते हैं। कोरोना से लॉकडाउन होने के कारण घर में ही समय गुजरता है। घर पर अच्छी-अच्छी पुस्तकों का अध्ययन करते है। शाम में घर में इफ्तार के समय फिजिकल डिस्टेंसिग का पालन निश्चित रूप से करते है।'
- नूर अमबरी