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कोरोना संक्रमण को लेकर आरबीएसके की टीम 24 घंटे सक्रिय

मधुबनी। वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण काल में स्वास्थ्य कर्मी दिन रात लगे हुए हैं। ऐसे समय में आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) के स्वास्थ्य कर्मी भी अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 11:45 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 11:45 PM (IST)
कोरोना संक्रमण को लेकर आरबीएसके की टीम 24 घंटे सक्रिय
कोरोना संक्रमण को लेकर आरबीएसके की टीम 24 घंटे सक्रिय

मधुबनी। वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण काल में स्वास्थ्य कर्मी दिन रात लगे हुए हैं। ऐसे समय में आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) के स्वास्थ्य कर्मी भी अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं। जिला में टीम के द्वारा रेलवे स्टेशन,अस्पताल व लोगों के घर-घर जाकर स्क्रीनिग की जा रही है। जिले के सभी प्रखंडों में आरबीएसके टीम हर समय तैनात रहती है। प्रखंडों में बने क्वारंटाइन कैंप पर भी टीम द्वारा लोगों को आइसोलेट किया जाता है।

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इंडो नेपाल बॉर्डर पर की जा रही है स्क्रीनिग: जिले के हरलाखी एवं लौकहा सीमा पर बनाए गए चेक पोस्ट्स, विशेष रूप से नेपाल की सीमा क्षेत्र पर बने ट्रांजिट प्वाइंट पर भी बाहर से आने वालों की जांच की जाती है। साथ ही देश के विभिन्न शहरों से आए प्रवासी मजदूरों का भी स्क्रीनिग आरबीएसके के टीम के द्वारा किया जा रहा है। जिले में बनाई गई है 26 टीम: आरबीएसके जिला समन्यवक डॉ. कमलेश शर्मा ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम द्वारा जिले में 26 टीम बनाई गई है। जिसके प्रत्येक टीम में 01 एएनएम, 01 फार्मासिस्ट, और 02 आरबीएसके के चिकित्सक हैं। टीम में आयुर्वेद, यूनानी एवं होम्योपैथिक चिकित्सक ईमानदारी पूर्वक एवं नियमित कार्य कर रहे हैं। जिले में 835 क्वारंटाइन सेंटर है कार्यरत: जिले में वर्तमान में 362 प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर एवं 473 पंचायत स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर है। आइसोलेशन केंद्र झंझारपुर, जयनगर तथा बेनीपट्टी में आरबीएसके के टीम के द्वारा कार्य की जा रही है। टीम द्वारा घर-घर जाकर भी लोगों की स्क्रीनिग की जा रही है। अगर किसी व्यक्ति में संक्रमण की स्थिति पाई जाती है या वह संदिग्ध पाया जाता है तो उसे टीम द्वारा एंबुलेंस से अस्पताल भेजा जाता है। जहां उनका सैंपलिग कराकर जांच रिपोर्ट के लिए भेज दिया जाता है।

हेल्पलाइन नंबर द्वारा लोगों में दूर हो रहीं सामाजिक भ्रांतियां: डॉ. कमलेश शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा हेल्प लाइन नंबर जारी किया गया है। उन नंबरों पर नियमित तौर से आम लोगों के फोन आते हैं। वो सभी कोरोना संक्रमण के बारे में, जिले में कोरोना की स्थिति, समाज में फैली भ्रांतियों संबंधी जानकारी से संबंधित सवाल करते हैं। यहां भी आरबीएसके टीम उपस्थित है। लोगों को उनके सवालों व सामाजिक भ्रांतियों को दूर करने में टीम द्वारा प्रशासन की मदद की जा रही है। आरबीएसके टीम हर समय, हर जगह उपस्थित है और प्रशासन व स्वास्थ्य में हरसंभव मदद कर रही है।

आरबीएसके टीम का मिल रहा बेहतर सहयोग: सिविल सर्जन डॉक्टर सुनील कुमार झा ने कहा कि कोरोना से निपटने में जिला स्वास्थ्य विभाग को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का बेहतर सहयोग मिल रहा है। विभिन्न राज्यों से आए प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिग एवं सभी क्वारंटाइन कैंप में टीम द्वारा जाकर लोगों को आइसोलेशन व स्क्रीनिग किया जा रहा है। जिला स्वास्थ्य विभाग की सभी टीम पूरी तरह मिलकर कोरोना को खत्म करने के लिए प्रयासरत हैं।


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