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वर्षा से शहर में जलजमाव, किसानों में खुशी

मधुबनी। लगातार दो दिनों की वर्षा ने आम लोगों को भीषण गर्मी से बड़ी राहत दी है। तेज धूप के बीच सोमवार सुबह करीब सात बजे से पूर्वाह्न करीब 11 बजे तक के बीच हल्की व मध्यम वर्षा से किसानों में खुशी देखी गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Jul 2019 11:23 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jul 2019 11:23 PM (IST)
वर्षा से शहर में जलजमाव, किसानों में खुशी
वर्षा से शहर में जलजमाव, किसानों में खुशी

मधुबनी। लगातार दो दिनों की वर्षा ने आम लोगों को भीषण गर्मी से बड़ी राहत दी है। तेज धूप के बीच सोमवार सुबह करीब सात बजे से पूर्वाह्न करीब 11 बजे तक के बीच हल्की व मध्यम वर्षा से किसानों में खुशी देखी गई। वहीं वर्षा से शहर के कुछ हिस्सों में जलजमाव की समस्या खड़ी हो गयी है। वर्षा ने शहर में जल निकासी के तमाम उपायों के दावों की पोल खोलकर रख दिया है। शहर के महिला कालेज रोड, सुभाष चौक, गोशाला रोड, विनोदानंद झा कॉलोनी, प्रगति नगर कॉलोनी, तिरहुत कॉलोनी, बिजली कॉलोनी, खादी भंडार परिसर, कोर्ट परिसर, निजी बस पड़ाव सहित अन्य क्षेत्रों में जलजमाव की समस्या बन जाती है। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी आशुतोष आनंद चौधरी ने बताया कि जल निकासी व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए हरेक उपाय किए जा रहे है। वाट्सन, किग्स तथा राज कैनालों की सफाई करायी गयी है। बिचड़ा नहीं रहने से वर्षा बेमानी जिले में दो दिनों से मध्यम से हल्की वर्षा जरूर हो रही है लेकिन कृषि कार्य ठप है। एक तो इस बार प्रारंभ से ही मानसून दगा दे रहा है। जिस कारण किसानों ने देर से खेतों में धान के बीज की बोआई की। जिस कारण बिचड़ा काफी छोटा है। जिले के सीमावर्ती क्षेत्र लौकही आदि स्थानों पर कहीं-कहीं भारी वर्षा गत दिनों हुई थी। जिस कारण वहां के किसानों ने पूर्व से तैयार बिचड़ा का रोपण किया। वहीं जिले के अधिकांश भागों में देर से धान के बीज की बोआई के कारण बिचड़ा तैयार नहीं रहने से किसानों में मायूसी है। वे वर्षा होने के बाद भी धान की रोपनी नहीं कर पा रहे हैं। सोमवार को जिले के कई भागों में हल्की से मध्यम वर्षा हुई है। जिससे किसानों को खास फायदा नहीं हुआ है। कृषि विशेषज्ञ शिवकुमार ने कहा कि इस बार इस मौसम में कम वर्षा हुई है। जिसके लिए किसान वैकल्पिक खेती को अपना सकते हैं। किसान मकई,अरहर, उड़द की खेती कर सकते हैं। कम अवधि वाले धान की खेती किसान कर सकते हेै। इसकी सीधी बोआई पद्धति लाभकारी होगी। किसान रामभरण महतेा, शिवचंद्र कुमार आदि ने बताया कि इस बार अब धान की रोपनी संभव नहीं दिख रहा है। कमतर वर्षा होने से खेतों में नमी की कमी है।

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