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नल-जल योजना की जांच में पब्लिक ने खोली पोल

मधुबनी । प्रखंड में 17 जुलाई से शुरू नल-जल योजना की जांच शुरू हुई। इस पंचायत के किस वार्ड में कब और कहां जांच अधिकारी पहुंचेंगे इसका कोई ठिकाना नहीं था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 10:28 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 10:28 PM (IST)
नल-जल योजना की जांच में पब्लिक ने खोली पोल
नल-जल योजना की जांच में पब्लिक ने खोली पोल

मधुबनी । प्रखंड में 17 जुलाई से शुरू नल-जल योजना की जांच शुरू हुई। इस पंचायत के किस वार्ड में कब और कहां जांच अधिकारी पहुंचेंगे, इसका कोई ठिकाना नहीं था। लोगों को उनके आने की पहले से कोई जानकारी नहीं थी। ऐसे में जैसे ही अधिकारियों के आने की खबर मिलती, लोग जुट जाते और तकलीफ बयां करने लगते। नलों में कभी पानी नही आता, घटिया पाइपें बिछाई गई है, आधा अधूरा काम हुआ है आदि शिकायतें आम लोगों ने जांच अधिकारियों से की। प्रखंड के वसुदेवपुर पंचायत के वार्ड पांच धर्मपुर में जब जांच दल पहुंचा तो लोगों ने उन्हें घेर लिया और कहने लगे कि काम ही नहीं हुआ है तो क्या देखिएगा। उसी वार्ड के निवासी माकपा कार्यकर्ता अमरेंद्र यादव उस वक्त वहां मौजूद थे। उन्होंने बताया कि जांच अधिकारी लोगों की शिकायत से सहमत दिखे। जांच अधिकारी के तौर पर बीते सोमवार को खुटौना प्रखंड मुख्यालय पहुंची जिला आपूर्ति पदाधिकारी वंदना कुमारी को वहां पहुंचे लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी। लोग जानना चाहते थे कि प्रखंड मुख्यालय में बैठकर योजना की स्थलीय जांच कैसे की जा रही है। जांच अधिकारी नाराज हो गईं और वहां से चली गईं। कांग्रेस पार्टी के जिला महासचिव स्वयं वसुदेवपुर पंचायत के वार्ड पांच रामपुर के रहने वाले हैं। वे बताते हैं कि जांच अधिकारी यदि वार्ड में वार्ड सदस्य और उसके सहयोगियों से मिल जुलकर चले जाएं तो जांच पर प्रश्न उठना स्वाभाविक है। कहा कि जांच निष्पक्ष एवं पारदर्शी होनी चाहिए और दिखनी भी चाहिए। प्रखंड मुख्यालय की खुटौना पंचायत में नल-जल योजना का और भी बुरा हाल बताया जा रहा है। पंचायत के वार्ड तीन गोट खुटौना के रामचंद्र कामत बताते हैं कि खुटौना पंचायत में नल-जल योजना की विफलता दिया तले अंधेरा जैसी बात है। पंचायत की 15 में से आठ वार्डो में नल-जल योजना का काम पीएचईडी को सौंपा गया है। दर्जन भर वार्डो में पानी नहीं चलता है। जहां चला भी वहां जमीन के नीचे पाइपों के फट जाने से सड़क व मोहल्लों में पानी जमा होने लगा। वे कहते हैं कि जिला प्रशासन द्वारा तैनात जांच अधिकारियों की नीयत पर किसी को शक नहीं है, सिर्फ जांच के तरीके को लेकर लोग थोड़ा आशांकित हो रहे हैं। इधर, शुक्रवार को भी प्रखंड के विभिन्न वार्डों में अधिकारियों ने नल-जल योजना की स्थलीय जांच की।

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