मच्छर के प्रकोप पर काबू पाना नगर परिषद प्रशासन के बूते से बाहर
शहरी क्षेत्र में मच्छरों के प्रकोप पर काबू के लिए नगर परिषद प्रशासन द्वारा ठोस प्रयास नहीं होने से शहरी के एक लाख से अधिक लोग मच्छर का दंश झेल रहा हैं।
मधुबनी। शहरी क्षेत्र में मच्छरों के प्रकोप पर काबू के लिए नगर परिषद प्रशासन द्वारा ठोस प्रयास नहीं होने से शहरी के एक लाख से अधिक लोग मच्छर का दंश झेल रहा हैं। मच्छरों से बचाव के उपायों में नगर परिषद प्रशासन द्वारा फा¨गग मशीन का प्रयोग कब कहां किस दिन होता है यह एक पहेली बनकर रह गया है। फा¨गग मशीन का प्रयोग नगर परिषद के संचिकाओं में जो भी हो धरातल पर फा¨गग मशीन की धुआं शायद ही शहरवासी देख पाता है। अब मच्छर के प्रकोप से भी निजात दिलाना नगर परिषद प्रशासन के बूते से बाहर की बात हो गई है। बहरहाल आज विश्व मच्छर दिवस पर हमें मच्छरों के प्रकोप से बचाव के उपायों पर अमल करने की शुरुआत कर देनी चाहिए। मच्छर नाशक क्वायल बेअसर आमतौर पर शहरवासी मच्छरों के प्रकोप से बचाव के दिशा में मच्छर नाशक क्वायल, बिजली से चलने वाली मच्छर नाशक उपकरण का सहारा लेते हैं। हालांकि यह भी बेअसर साबित हो रहा है। खासकर बरसात और गर्मी के बीच मच्छरों के प्रकोप से बचाव के लिए भारी मात्रा में मच्छर नाशक क्वायल का प्रयोग करते है। एक अनुमान के अनुसार शहरवासी को प्रतिमाह एक लाख से अधिक की राशि मच्छर नाशक क्वायल पर व्यय करना पर रहा हैं। खुला नाला दे रहा मच्छरों के प्रकोप को बढ़ावा खुला नाला, जाम पड़े कैनालों और जगह-जगह कूड़ा-कर्कट का ढेर शहरी क्षेत्र में मच्छरों के प्रकोप को बढ़ावा दे रहा है। नगर परिषद क्षेत्र में कैनालों व इसकी गंदगी मच्छरों के प्रकोप को बढ़ावा दे रहा है। वहीं आधे-अधूरे नाला के अलावा वाट्सन, ¨कग्स व राज कैनाल से निकाली गई गंदगी सड़क किनारे छोड़ देने से मच्छरों का प्रकोप सालों भर बना रहता हैं। वहीं शहर की सफाई कार्य पर प्रतिमाह करीब तीन लाख से अधिक का व्यय किया जा रहा हैं। फिर भी शहर की सफाई कार्य पर सवाल उठते रहे है। मालूम हो कि शहर की सफाई कार्य तीन वर्षों से एक एनजीओ से लिया जा रहा हैं। मच्छर जनित रोगों में मलेरिया, कालाजार, डेंगू जैसे रोगों का खतरा बना रहता है। मच्छरों का जलजमाव वाले क्षेत्रों में मच्छरजनित डेंगू बुखार के लक्षण में बदन दर्द के साथ बुखार, बेहोशी, ठंडा लगने के साथ बुखार आने पर तुरंत चिकित्सक से उचित सलाह लिया जाना चाहिए। मच्छर नाशक क्वायल या मच्छर नाशक उपकरण के प्रयोग से परहेज करना चाहिए।
- डॉ. अरविन्द झा नगर परिषद क्षेत्र में मच्छर का प्रकोप बढ़ने पर फा¨गग मशीन का प्रयोग पर किया जाता हैं। इसके प्रयोग की कोई तिथि निर्धारित नही होता नगर परिषद के पास उपलब्ध एक फा¨गग मशीन का एक दिन के प्रयोग पर तकरीबन 15 हजार का खर्च आता हैं। फिलहाल दूसरा मशीन क्रय की योजना नही हैं।
- जटाशंकर झा, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद शहर की स्वच्छता के प्रति नजरिये में लाएं बदलाव
मधुबनी विधायक समीर कुमार महासेठ ने कहा कि शहर की स्वच्छता बहाल रखने के लिए शहर वासियों को अपने नजरिये में बदलाव लाना चाहिए। शहर वासियों की जागरुकता से ही शहर की स्वच्छता बहाल हो सकेगी। मच्छर के प्रकोप रहित सुंदर व स्वच्छ शहर के सपनों को साकार करने के लिए शहर वासियों को आगे आना होगा। श्री महासेठ ने कहा कि शहरवासियों को कूड़ा-करकट की रखरखाव का पैमाना तय करना होगा। यत्रतत्र कूड़ा-करकट फेंकने से परहेज करते हुए स्वच्छता के दिशा में अपनी नई सोच के साथ नगर परिषद प्रशासन को सहयोग की ठोस पहल करना होगा। कूड़ा-करकट फेंकने के लिए स्थल का चयन, शौचालय, मूत्रालय जैसी आवश्यक जरूरत के लिए लोगों को अपने विचारों से नगर परिषद प्रशासन को अवगत कराया जाना चाहिए। मच्छरजनित रोगों से बचाव के लिए घरों व आसपास के क्षेत्रों को स्वच्छ रखने तथा मच्छरों को पनपने वाले स्थान की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मच्छरदानी का निश्चित रूप से प्रयोग करना चाहिए।
- विष्णु राउत वार्ड 20 व 29 मे विभिन्न हिस्सों में कच्चा नाला के कारण मच्छरों के प्रकोप पर काबू पाया जाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे क्षेत्रों में वर्षा जनित रोगों का प्रकोप भी बढ़ जाता हैं।
- अनीसुर रहमान शहर की सफाई के लिए लोगों को खुले में गंदगी फेंकने से परहेज करना चाहिए। इसके लिए जगह-जगह कुड़ादान की व्यवस्था होना चाहिए। ताकि गंदगी फेंकने में सहुलियत हो सके।
- सुबोध कुमार नगर परिषद द्वारा क्रय होने वाले कूड़ादानों की कीमत की जांच किया जाना चाहिए। लोगों को घरों में दिए जाने वाले छोटा कुड़ादान की खरीदारी में पारदर्शिता अपनाया जाना चाहिए।
- महेश कुमार शहर में फा¨गग मशीन का प्रयोग को नियमित किया जाना चाहिए। फा¨गग मशीन का प्रयोग पर होने वाले व्यय का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
- नागेन्द्र राउत