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वर्षो से लोग अनुमंडल अस्पताल का कर रहे इंतजार

बेनीपट्टी में अनुमंडलीय अस्पताल के शिलान्यास के 26 वर्ष बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 12:09 AM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2019 06:29 AM (IST)
वर्षो से लोग अनुमंडल अस्पताल का कर रहे इंतजार
वर्षो से लोग अनुमंडल अस्पताल का कर रहे इंतजार

मधुबनी। बेनीपट्टी में अनुमंडलीय अस्पताल के शिलान्यास के 26 वर्ष बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। अनुमंडलीय अस्पताल के निर्माण अब तक नहीं होने से यहां के लोगो में आक्रोश व्याप्त है। राजनेताओं के झूठे वायदे व आश्वासन एवं घोषणाएं तथा जनप्रतिनिधियों के उदासीनता के कारण अनुमंडलीय अस्पताल महज सपना बनकर रह गई है। अनुमंडलीय अस्पताल के निर्माण के नाम पर घोषणाएं तो होती रही लेकिन शासन प्रशासन,सांसद, विधायक के द्वारा इसकी सुध नहीं ली गई। अनुमंडल कार्यालय परिसर में अनुमंडलीय अस्पताल के लगे शिलापट क्षतिग्रस्त होकर मुंह चिढ़ा रही है। इस बार के लोकसभा चुनाव में अनुमंडलीय अस्पताल के अब तक निर्माण नहीं होना चुनावी मुद्दा बनकर उभरेगी साथ ही जनता राजनेताओं से सवाल करेगी। रपट आमोद कुमार झा की।

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मधुबनी लोकसभा क्षेत्र का बेनीपट्टी क्षेत्र बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है। यहां प्रतिवर्ष बाढ से लोग परेशान होते हैं। कई तरह की बीमारियों से ग्रसित होना इस क्षेत्र के लोगों के लिए आम है। चिकित्सा के लिए 25 किमी दूर मधुबनी आना पड़ता है। क्षेत्र में पीएचसी में वे सुविधाएं नहीं है जिससे गंभीर मरीज को बचाया जा सके। शिलान्यास के ढाई दशक बीत जाने के बाद भी अनुमंडलीय अस्पताल की निर्माण प्रारंभ नहीं हो सका है। जनता राजनेताओं के झूठे वायदे व अश्वासन के चलते छला हुआ महसूस कर रहे हैं।

----------------- ज्ञात हो कि बेनीपट्टी अनुमंडल कार्यालय परिसर में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने 20 फरवरी 1993 को अनुमंडलीय अस्पताल का शिलान्यास किया। शिलान्यास के 26 वर्ष बीत जाने के बाद भी अनुमंडलीय अस्पताल का निर्माण शुरू नहीं होने के कारण यहां के लोगो में रोष व्याप्त है। अनुमंडलीय अस्पताल के शिलापट जहां क्षतिग्रस्त होकर मुंह चिढ़ा रही है। शिलापट महज शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। इधर नीतीश सरकार के द्वारा कैबिनेट से बेनीपट्टी में अनुमंडलीय अस्पताल खोले जाने की निर्णय के बाद लोगों में खुशी हुई लेकिन कैबिनेट के निर्णय के दो वर्ष बीत जाने के बाद भी अनुमंडलीय अस्पताल का निर्माण अबतक शुरू नही होना लोगों के लिए छलावा साबित हो रहा है। महत्वपूर्ण हो कि बेनीपट्टी को वर्ष 1982 ई. में अनुमंडल का दर्जा मिला लेकिन अनुमंडल बने 35 वर्ष बीत जाने के बाद भी बेनीपट्टी में अनुमंडलीय अस्पताल का निर्माण अबतक नहीं हो सका। अनुमंडलीय अस्पताल के नहीं रहने के कारण संसाधन के अभाव में मरीजों को मधुबनी एवं दरभंगा रेफर कर दिया जाता है।

--------------- इस लोकसभा चुनाव में लोग इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है। अनुमंडलीय अस्पताल के निर्माण के नाम पर राजनेताओं के द्वारा किये गये घोषाणाएं धरातल पर महज छलावा साबित हो रही है। अनुमंडलीय अस्पताल के निर्माण नही होने से यहां के लोगो को परेशानी का दंश झेलना पड़ता है। अनुमंडलीय अस्पताल के निर्माण के लिये वर्ष 2012 ई. में अनुमंडल कार्यालय परिसर में उपकारा के बगल में दो एकड़ जमीन उपलब्ध करा दिया गया। लेकिन, अबतक निर्माण शुरू नहीं हो सका है।

---------- जनप्रतिनिधियों ने भी नहीं दिया ध्यान

बेनीपट्टी में शिलान्यास के ढ़ाई दशक बीत जाने के बाद भी इस महत्वपूर्ण समस्या अनुमंडलीय अस्पताल के निर्माण कराये जाने के प्रति सांसद, विधायक ने गंभीरता से नहीं लिया। इस मुद्दा पर हम सुबह अपने घर से निकल कर 9 बजे बेनीपट्टी बाजार के एक चाय की दुकान पर पहुंचे। जहां लोग विकास के मुद्दे पर चर्चा कर रहे थे। मैने भी वहां बैठ कर लोगों की बात सुनने लगा। लोग प्रत्याशियों की लेखा जोखा कर रहे थे। चाय पी रहे अशोक कुमार चौधरी ने कहा कि विकास तो हुआ है। सड़कें बनी, बिजली आई, पेयजल की व्यवस्था हुई लेकिन अनुमंडल अस्पताल पर ध्यान नहीं दिया गया। कहा कि बेनीपट्टी में अस्पताल की बहुत जरूरत है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र रहने के कारण प्रतिवर्ष एक दर्जन से अधिक लोग असमय काल के गाल में समा जाते हैं। वहीं बैठे सुरेन्द्र कुमार मंडल ने कहा कि इस बार के चुनाव में जाति वर्ग से उपर उठकर लोग मतदान करेंगे। लेकिन हम यह देखेंगे कि अस्पताल बनवाने की दिशा में कौन सा प्रत्याशी ठोस आश्वासन देता है। चाय की चुस्की खतम कर चुके बौएलाल दास ने कहा कि पांच लोकसभा में इतने ही विधानसभा चुनाव आए गए लेकिन अनुमंडलीय अस्पताल का निर्माण नहीं हो सका। सभी ने ठगने का काम किया है। इस बार इसे जोरदार तरीक से हम सभी उठाएंगे। महेन्द्र पासवान कहा कि विकास तो हुआ लेकिन रोजगार की अभाव है। लेकिन, हमारी ज्वलंत समस्या अस्पताल का शिलान्यास के 26 वर्ष बाद नहीं बनना है। कमल कुमार झा ने कहा जब तक इसे हम जोरदार तरीके से नहीं उठाएंगे तब तक अस्पताल बनने वाला नहीं।

------------------- राजनेताओं से सवाल करेगी जनता

लोगों का कहना था कि सांसद व विधायक की उदासीनता के कारण अबतक बेनीपट्टी में अनुमंडलीय अस्पताल का निर्माण नहीं हुआ। शिलान्यास के बाद भी अस्पताल नहीं बनने से यहां की जनता छला हुआ महसूस कर रही है। इस बार के चुनाव में जनता राजनेताओं से इस गंभीर समस्या के संबंध में सवाल करेंगी। कहते है सिविल सर्जन

मधुबनी के सिविल सर्जन डा. हरिकिशोर सिंह ने बताया कि बेनीपट्टी में एक सौ बेड के अस्पताल के निर्माण बी.एम.एस.आई.सी.एल पटना के द्वारा किया जाएगा जो प्रक्रिया में है।


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