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सेवांत लाभ की स्वीकृति में विलंब करने वाले अफसर होंगे दंडित

मधुबनी। सेवानिवृत सरकारी सेवकों के सेवांत लाभों की स्वीकृति में विलंब करने वाले पदाधिकारियों एवं कर्मियों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 10:59 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 10:59 PM (IST)
सेवांत लाभ की स्वीकृति में विलंब करने वाले अफसर होंगे दंडित
सेवांत लाभ की स्वीकृति में विलंब करने वाले अफसर होंगे दंडित

मधुबनी। सेवानिवृत सरकारी सेवकों के सेवांत लाभों की स्वीकृति में विलंब करने वाले पदाधिकारियों एवं कर्मियों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। सेवानिवृत सरकारी सेवकों को ससमय सेवांत लाभ दिलाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रयत्नशील है। लेकिन, इस मार्ग में कुछ अफसर एवं कर्मी बाधक बने हुए हैं। इस कारण सेवानिवृत सभी सरकारी सेवकों को ससमय सेवांत लाभ नहीं मिल पाता है। यही कारण है कि सेवानिवृत सरकारी सेवकों के सेवांत लाभों की स्वीकृति में अनावश्यक व अकारण विलंब करने वाले पदाधिकारियों एवं कर्मियों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने पत्र जारी किया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने यह पत्र सरकार के उप सचिव गुफरान अहमद के हस्ताक्षर से सभी विभाग व विभागाध्यक्षों से लेकर प्रमंडलीय आयुक्त एवं जिला पदाधिकारी तक को भेजा है। सामान्य प्रशासन विभाग ने निर्देश दिया है कि किसी सेवानिवृत सरकारी सेवक के सेवांत लाभों की स्वीकृति में जानबूझकर किए गए विलंब को बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली-1976 के अंतर्गत विलंब के लिए दोषी पदाधिकारी एवं कर्मचारी का कदाचार माना जाएगा। इस कदाचार के लिए संबंधित दोषी पदाधिकारी एवं कर्मचारी के विरुद्ध बिहार सरकारी सेवक नियमावली-2005 के प्रावधानों के तहत अनुशासनिक कार्रवाई की जा सकेगी। सामान्य प्रशासन विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पेंशन एवं सेवांत लाभों के भुगतान के संबंध में वित्त विभागीय संकल्प का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। पेंशन एवं सेवांत लाभ के भुगतान में विलंब करने वाले कर्मियों, पदाधिकारियों को चिह्नित कर उन्हें दंडित करने तथा उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारंभ करने का प्रावधान करने का भी निर्देश है। इसके अलावा भी सेवांत लाभ के ससमय भुगतान हेतु कई प्रावधान है। बावजूद इसके कई मामले संज्ञान में आ रहा है। इसमें सेवानिवृत सरकारी सेवकों को सेवांत लाभों के भुगतान में अनावश्यक विलंब किया जाता है। इस मामले में सदस्य (न्यायिक) लोकायुक्त द्वारा भी अप्रसन्नता व्यक्त की गई है। इस कारण सरकार द्वारा भी इस मामले को गंभीरता से लिया गया है।

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