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समृद्ध इतिहास वाले गांव में आज गरीबों को कोई सुनने वाला नहीं

मधुबनी। मैं दुल्लीपट्टी गांव हूं। अनुमंडल मुख्यालय जयनगर से तीन किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित हूं। यहां से गुजरने वाले राष्ट्रीय उच्चपथ से गांव वासियों को आवागमन में सहूलियत होती है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Nov 2019 11:48 PM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 06:25 AM (IST)
समृद्ध इतिहास वाले गांव में आज गरीबों को कोई सुनने वाला नहीं
समृद्ध इतिहास वाले गांव में आज गरीबों को कोई सुनने वाला नहीं

मधुबनी। मैं दुल्लीपट्टी गांव हूं। अनुमंडल मुख्यालय जयनगर से तीन किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित हूं। यहां से गुजरने वाले राष्ट्रीय उच्चपथ से गांव वासियों को आवागमन में सहूलियत होती है। मेरा समृद्ध इतिहास रहा है। यहां 1960 के दशक में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू पुत्री इंदिरा गांधी पधार चुके हैं। उनके द्वारा मेरे आंगन में एक तालाब की नींव रखी गई थी। 1990 के दशक में मेरे यहां तेल होने की संभावना पर ओएनजीसी कंपनी को यहां लगाया गया था। मगर, चार साल काम करने के बाद कंपनी के प्रतिनिधियों को यहां से वापस बुला लिया गया। इसका मलाल आज तक मेरे पुत्र-पुत्रियों को है। मेरे यहां दशकों पूर्व से शारदीय नवरात्र के अवसर पर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने की परंपरा रही है। मेरी खासियत यह भी है कि यहां सभी समुदाय के लोग वास करते हैं।

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शारदीय नवरात्र सामाजिक सौहार्द कायम करने में अहम भूमिका का निर्वहन कर रहा है। पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सह वरिष्ठ समाजसेवी वीरेंद्र यादव के नेतृत्व में विगत कई वर्षो से लीक से हटकर विविध स्तरों पर कार्यक्रम आयोजित करने के कारण गांव में समाजिक समरसता कायम करने में मदद मिली है। उनके द्वारा गांव में किए गए विकासात्मक कार्यों को बेहतर तरीके से अंजाम दिए जाने की चर्चा चहुंओर है। इसके बावजूद मेरे पुत्र-पुत्रियों को कई स्तर पर परेशानी भी झेलनी पर रही है।कई पेंशनधारियों के खाते में पेंशन की राशि नहीं पहुंच पा रही है। मेरे गरीब पुत्र राशन कार्ड से अब तक वंचित हैं। दलित बस्ती सार्वजनिक जगहों पर शौचालय का निर्माण नहीं होने से आज भी लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। 2016 में इंदिरा आवास का लाभ लिए कई लाभुक आज भी द्वितीय किस्त के लिए भटक रहे हैं। आंकड़ों में गांव

आबादी : आठ हजार

मतदाता : पांच हजार

विद्यालय : पांच

आंगनबाड़ी केंद्र : पांच

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दुल्लीपंट्टी गांव के विकास में दिवंगत मुखिया अमला देवी का अहम योगदान है। उनके निधन के बाद दनका पुत्र समाजसेवी वीरेंद्र यादव विकास कार्याें को आगे बढ़ा रहे हैं।

मनीष कुमार:

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गांव के विकास को लेकर सतत प्रयत्नशील हूं। सामाजिक सद्भाव का माहौल कायम करने में ग्रामीणों की भूमिका सराहनीय है।

वीरेंद्र यादव

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गांव में बेरोजगारी एक प्रमुख समस्या है।ग्राम कचहरी का कार्यालय भाड़ा पर चलने के कारण कार्य संपादन में परेशानी उठानी पर रही है।

विनोद कुमार ठाकुर,सरपंच

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इस गांव में गरीब गुरबों हितों की रक्षा की जा रही है।

रामाशीष

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