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मधवापुर के 12 पंचायतों में अब तक ओडीएफ नहीं

मधुबनी। लोहिया स्वच्छता अभियान में बड़ी रकम खर्च करने के बाद भी मधवापुर प्रखंड की 12 पंचायत ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) घोषित नहीं हो सकी है। योजना के तहत लोगों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 11:24 PM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 06:46 AM (IST)
मधवापुर के 12 पंचायतों में अब तक ओडीएफ नहीं
मधवापुर के 12 पंचायतों में अब तक ओडीएफ नहीं

मधुबनी। लोहिया स्वच्छता अभियान में बड़ी रकम खर्च करने के बाद भी मधवापुर प्रखंड की 12 पंचायत ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) घोषित नहीं हो सकी है। योजना के तहत लोगों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल रहा है। अधिकतर पंचायतों के वार्ड में शौचालय निर्माण की गति काफी धीमी चल रही है। वहीं जिन लोगों के घरों में शौचालय का निर्माण पूर्ण हो चुका है वे भी प्रचार प्रसार के अभाव में इसे व्यवहार में नहीं ला रहे। पंचायतों के करीब 40 प्रतिशत लोग अब भी खुले में, नदी किनारे अथवा पोखरा किनारे शौच करते हैं। इलाके के गांव की सड़कों के किनारे रात के समय लोग शौच करते नजर आते हैं। मधवापुर प्रखंड क्षेत्र के साहर उतरी पंचायत में अब तक मात्र 600 लोगों के घरों में शौचालय का निर्माण पूर्ण हो चुका है। जबकि पंचायत के महादलित टोल, अति पिछड़ा टोल समेत सामान्य वर्ग के टोल में करीब आठ सौ परिवारों के घरों में शौचालय का निर्माण नहीं हो पाया है। यहां के करीब 50 प्रतिशत लोग खुले में शौच करने को विवश हैं। मुखिया रामनरेश प्रसाद ने बताया कि पंचायत के अखरहरघाट, महुआ, केरबा आदि कई गांव के महादलित व अति पिछड़े वर्ग के टोल में अब तक शौचालय का निर्माण नहीं होने से लोग खुले में शौच जाते हैं। जबकि शौचालय निर्माण के लिए लोगों का फार्म प्रखंड कार्यालय में जमा है। विभागीय प्रक्रिया चल रही है। जिन लोगों का शौचालय निर्माण पूर्ण हो चुका है उनके खाते में राशि नहीं आने से लोग राशि के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। इसी तरह साहर दक्षिणी पंचायत में अबतक 550 लोगों के घरों में शौचालय निर्माण का कार्य पूर्ण हुआ है। जबकि सात सौ लोगों के घरों में शौचालय निर्माण का कार्य अभी तक शुरू भी नहीं हो सका है। खासकर इस पंचायत के कई गांवों के महादलित व अति पिछड़े वर्ग के टोल में अब तक शौचालय निर्माण की गति काफी धीमी चल रही है। मुखिया ओहिल्या देवी ने बताया कि करीब सात सौ परिवारों का फर्म प्रखंड कार्यालय में जमा करने के बावजूद अब तक इन परिवारों के घरों में शौचालय निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ है। इस कारण पंचायत के करीब 40 प्रतिशत लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। शौचालय निर्माण की गति धीमी चल रही है। इसके अलावा जिन लोगों के घरों में शौचालय निर्माण पूर्ण हो चुका है। वैसे लोगों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है। मजबूर हो लोग प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। इसके अलावा प्रखंड के विभिन्न सार्वजनिक स्थलों, बस पड़ाव, बाजार परिसर आदि जगहों पर सरकार के द्वारा लाखों रूपये खर्च कर बनाए गए शौचालय ध्वस्त हो चुका है। जिसकी मरम्मत नहीं कराने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। केरवा गांव के रामपुकार राम, कमलेश राम, राम चंद्र महतो, कारी महतो आदि लोगों ने बताया कि उनके घरों में अबतक शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है। जबकि चार माह पूर्व फर्म प्रखंड कार्यालय में जमा किए हुए हो गया। प्रतिदिन प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।

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बीडीओ बैभव कुमार ने बताया कि शौचालय निर्माण के लिए प्रखंड के विभिन्न पंचायतों से कुल 11 हजार आवेदन प्राप्त हुआ है। इसमें से नौ हजार लोगों के घरों में शौचालय का निर्माण पूर्ण हो चुका है। लोगों के बैंक खातों के माध्यम से प्रोत्साहन राशि भेजी जा चुकी है। शेष आवेदनों का सत्यापन और जीओ टैगिग करने का काम चल रहा है। 70 प्रतिशत लोग के घरों में शौचालय का निर्माण पूर्ण हो चुका है।


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