भारत-नेपाल के बंद बॉर्डर खोलने को लेकर आया नया आदेश, लोगों की प्रतिक्रिया भी आई सामने
बिहार विधानसभा चुनाव के बाद भारत-नेपाल सीमा खोल दी गई है, जिससे सीमा पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। नेपाल जाने वाले वाहनों की लंबी कतारें लगी हैं और भंसार कार्यालय में पर्ची कटवाने के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है। चुनाव ड्यूटी में आए कर्मचारी भी नेपाल घूमने जा रहे हैं।

जटही पिपरौन बॉर्डर पर नेपाल का भंसार कटाते लोग(सहयोगी)।
संवाद सहयोगी, हरलाखी(मधुबनी)।बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीते शनिवार की रात भारत नेपाल का बंद बॉर्डर को मंगलवार को मतदान सम्पन्न होने के बाद देर रात से खोल दिया गया है।
जिससे बुधवार की सुबह बॉर्डर पर काफी भीड़ बढ़ गया। नेपाल जाने वाले गाड़ियों की लंबी कतार लग गई। भंसार कार्यालय जटही में गाड़ियों के पर्ची कटाने के लिए लोगों की लंबी कतारें लग गई।
इस दौरान जटही-पिपरौन बॉर्डर एसएसबी द्वारा आवागमन चालू कर दिया गया है। आवागमन चालू होते ही बॉर्डर पर लोगों की काफी भीड़ जुट गई। आम तौर पर नव के अवसर पर नेपाल नव वर्ष मनाने जाने वाले लोगों की भीड़ जुटती है, लेकिन इस बार चुनाव को लेकर तीन दिन तक बॉर्डर सील रहने के बाद बुधवार से बॉर्डर खुलते ही नेपाल जाने वाले लोगो की बेतहाशा वृद्धि हो गई।
इतना ही नहीं इस बार चुनाव ड्यूटी में दूर राज्य से आए हुए सरकारी कर्मी भी नेपाल घूमने बड़ी संख्या में सुबह से ही जाने लगे। जिससे भंसार कार्यालय के बाहर लोगों की काफी भीड़ जुट गई। भीड़ जुटने के कारण शाम तक लोगों का भंसार कटता रहा।
जिससे लोगो का समय भी बर्बाद हुआ। चूंकि भंसार पेपर का समय सिर्फ एक दिन का ही रहता है। इस वजह से नेपाल से लौटने के दौरान अगर लेट हो जाए और कहीं रुकना पड़े तो अगले दिन नेपाल पुलिस जुर्माना भी वसूल करती है।
हालांकि इस संबंध में भंसार कार्यालय से कुछ भी बताने से इनकार कर दिया गया। लेकिन इसकी जानकारी नेपाल घूमने जाने वाले भारतीय लोगो ने दी है। स्थानीय नेता गोपाल मंडल, अजय कुशवाहा, गणेश गुप्ता, रामदिस यादव आदि लोगों ने बताया कि नेपाल जाने के लिए हमलोगों को गाड़ियों का पर्ची कटाना पड़ता है।
भारतीय लोगो से भंसार का शुल्क भी लिया जाता है। जबकि नेपाली लोगों के लिए भारत में छूट है।

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