मुरली मनोहर तालाब की स्वच्छता बहाल रखने की जरूरत
मधुबनी। शहरवासियों को स्नान-पूजा के लिए प्रसिद्ध तालाबों की बदहाली को दूर करने में सरकारी और गैर सरक
मधुबनी। शहरवासियों को स्नान-पूजा के लिए प्रसिद्ध तालाबों की बदहाली को दूर करने में सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर उदासीनता तालाबों की हालत नर्क जैसी बनाकर रख दी है अपनी पवित्र जल के लिए माने जाने वाले शहर का मुरली मनोहर तालाब के चहुंओर गंदगी इसकी प्रतिष्ठा पर आंच पहुंचा रहा है। लोग इस तालाब किनारे गंदगी डालने से परहेज नही कर रहे है जिससे लोग इस तालाब किनारे से गुजरने में नाख-भौं सिकोरने लगे हैं। तालाब का जल दूषित होने के बाद भी लोग जल की स्वच्छता बहाल करने के प्रयास के प्रति लापरवाह बने है। इसके अलावा शहर के तिलक चौक, कीर्तन भवन व गंगासागर तालाब घाट के निकट गंदगी का अंबार से लोगों को परेशानी हो रही। शहर के अधिकांश तालाबों के किनारे मृत पशुओं को फेंकने का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है तालाब किनारे गंदगी से मच्छरों का प्रकोप को बढ़ता जा रहा है। जागरुकता अभियान चलाने की सुगबुगाहट शहर के लोगों में में मुरली मनोहर तालाब और उसके जल की स्वच्छता बहाल करने के दिशा में जागरुकता अभियान चलाने की सुगबुगाहट शुरु हो गई है लोगों का कहना है कि तालाब सरकारी हो या निजी इसकी रक्षा करना हरेक लोगों का फर्ज बनता है तालाब समाज के सभी लोगों को लाभ पहुंचाती है तालाबों की देखभाल के लिए समाज के सभी तबके के लोगों को आगे आना चाहिए। लोगों का कहना है कि किसी भी तालाब किनारे मृत पशुओं को फेंकने पर प्रतिबंध का सख्ती से पालन क लिए नगर परिषद प्रशासन को मुस्तैद रहने की जरुरत है ऐसे तालाबों को तथा तालाब किनारे मृत पशुओं को फेंकने वालों का चिन्हित करना चाहिए। लोगों ने तालाब और उसके किनारे स्वच्छता बहाल रखने का संकल्प लिया। तालाबों के कई हिस्सों पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा तालाबों के जीर्णोद्धार के दिशा में आवश्यक पहल शुरू किया जाना चाहिए। जिले में तालाबों की संख्या 10 हजार 735 है। इसमें से अधिकांश तालाब मछली, मखाना उत्पादन के लिए जिले भर के मत्स्यजीवी सहयोग समिति को दिया गया है। जिले के पांच हजार से अधिक तालाब जलकुंभी से भड़ा पटा है। ऐसे तालाबों में मछली पालन या मखाना उत्पादन कार्य भी मुश्किल भरा होता है। इस तरह के तालाबों के कई हिस्सा अतिक्रमणकारियों के कब्जे में चला गया है। जल जागृति अभियान जलाशयों के संरक्षण के लिए जागरुक कर रहा है। तालाबों के संरक्षण में शासन-प्रशासन का सहयोग जरुरी है तालाबों को जीवित करने के लिए लोग लालायित तो है लेकिन शासन-प्रशासन की सहयोग के बगैर यह संभव नही हो रहा हैं।
- मनोज कुमार तालाबों की धार्मिक महत्ता रही है। छठ पूजा, मुंडन सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठान के लिए तालाबों का होना
निहायत जरूरी माना गया है। सूर्योपासना का लोक पर्व छठ के अलावा अन्य अनुष्ठानों के लिए तालाब की अहमियत रही है।
- गणेश यादव शहर के तालाबों का जीर्णोद्धार से शहरवासी को स्वच्छ वातावरण नसीब होगा। सालों भर लोगों का स्नान, मछली पालन व ¨सचाई की सुविधा मुहैया कराने वाले तालाबों को सूखने से लोगों के समक्ष विकट समस्या उत्पन्न हा रहा है।
- किसलय चौधरी तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए हरेक नागरिकों को एकजूट होने की जरुरत है। जल से लबालब तालाब गांव की समृद्धि का प्रतीक माना जाता रहा है। पशु पालकों के समक्ष पेयजल की विकट समस्या दूर करने के दिशा में तालाबों का जीर्णोंद्धार जरूर होना चाहिए।
- पप्पू पूर्वे