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बिजली की आंख मिचौनी लोगों की बढ़ा देती परेशानी

गर्मी के इन दिनों बिजली की आंख मिचौनी लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। दिन में तेज धूप और गर्मी से बचने के लिए पंखा और कूलर का लाभ उठा रहे लोगों की परेशानी तब और बढ़ जाती है जब बिजली की आंख मिचौनी का सिलसिला जारी रहता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 11:20 PM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 11:20 PM (IST)
बिजली की आंख मिचौनी लोगों की बढ़ा देती परेशानी
बिजली की आंख मिचौनी लोगों की बढ़ा देती परेशानी

मधुबनी। गर्मी के इन दिनों बिजली की आंख मिचौनी लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। दिन में तेज धूप और गर्मी से बचने के लिए पंखा और कूलर का लाभ उठा रहे लोगों की परेशानी तब और बढ़ जाती है जब बिजली की आंख मिचौनी का सिलसिला जारी रहता है। सबसे ज्यादा परेशानी को रात्रि में होती है जब घंटों तक बिजली गुल हो जाती है। इस तरह बिजली की आंख मिचौनी से गर्मी के बीच दिन में धूप लोगों का चैन छिन लेता है और रात्रि में लोगों की ¨नद उड़ा देती है। गर्मी के दिनों में पानी पाताल की ओर जाने से चापाकल से लगे मोटर के सहारे भी जलापूर्ति मुश्किल होने लगी है।

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-------- बिजली पंखा, कूलर, एसी के लिए बढ़ी बिजली की खपत बिजली पंखा, कूलर, एसी के लिए अत्यधिक बिजली खपत के कारण कम क्षमता वाली ट्रांसफार्मर विद्युत आपूर्ति में बाधा बनने लगती है। शहर में कई जगहों पर अत्यधिक क्षमता वाली ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं जबकि उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या के सामने अधिक क्षमता वाली ट्रांसफार्मर भी पूरी तरह लोड नहीं ले पाता है। ट्रांसफार्मरों का खराब होने की शिकायत इन दिनों काफी देखी जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में खराब होने वाले ट्रांसफार्मर कई दिनों के बाद ठीक हो पाता है। सहायक विद्युत अभियंता गौरव कुमार ने बताया कि विद्युत आपूर्ति में आने वाली कठिनाई त्वरित दूर कर विद्युत आपूर्ति बहाल की जाती है। किसी भी फीडर में वर्क होने की स्थिति में विद्युत अनापूर्ति की सूचना पूर्व में ही उपलब्ध करा दी जाती है। पेयजल की स्थिति पर रखी जा रही नजर मधुबनी नगर परिषद क्षेत्र में घरों तक जलापूर्ति योजना तीन दशक से ठप है। घरों में लगाई गई पाइप व नलों का नामोनिशान तक मिट गया। नप कार्यालय परिसर में वाटर मीनार महज शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। आम लोगों को पेयजल मुहैया के लिए बनाए गए वाटर स्पॉट अब नजर नहीं आता है। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी जटाशंकर झा ने बताया कि शहरी क्षेत्र में गाड़े गए चापाकलों की स्थिति को देखते हुए पेयजल की स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है।


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