नौ मिनट तक जले दीपों का संदेश, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हम हैं साथ-साथ
मधुबनी। कोरोना वायरस के खिलाफ रविवार की रात नौ बजे पूरा जिला देश के साथ नजर आया।
मधुबनी। कोरोना वायरस के खिलाफ रविवार की रात नौ बजे पूरा जिला देश के साथ नजर आया। झोपड़ियों की दहलीज से लेकर आलीशान मकानों की छतों व बालकनी में जले नौ-नौ दीपों ने संदेश दिया कि इस महामारी के खिलाफ हम साथ-साथ हैं। जिसे जो बन पड़ा उसने अपना फर्ज पूरा किया। दीप, मोमबत्ती के आलवा मोबाइलों के फ्लैश की रोशनी से पूरा जिला सकारात्मक ऊर्जा से भर गया। दीपावली नहीं, फिर भी उत्साह दीपावली से कम नहीं रहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का असर ऐसा रहा कि जिले के घर-घर में बच्चे, युवा रात नौ बजे जलाए जाने वाले दीये की तैयारी में दोपहर बाद से ही जुट गए। दीया संग बाती, तेल और अगरबत्ती के साथ फुल के साथ ऐसी तैयारी जैसे दीपावली के दिन दीये जलाने के साथ गणेश लक्ष्मी की पूजा की होती है। शहर के अधिकांश घरों दीये जलाने की तैयारी में तल्लीन लोग कोरोना वायरस संक्रमण को भूलकर रात्रि नौ बजे का समय निकट आने के साथ घर के दरवाजे, बालकनी को जल से धोकर स्वच्छ कर लिया गया। घर के पूजा स्थल पर भी एक दीये रख दिए गए। दीये जलाने की तैयारी पूरी होने के साथ घर के सभी लोगों की नजरें घड़ी की ओर लग गई। फिर नौ बजने के चंद मिनट पूर्व घर के सभी लोग दरवाजे, बालकनी पर फिजिकल डिस्टेंसिग बहाल कर दीये जलाने को तैयार हो गए। नौ बजते ही लोगों ने अपने-अपने इष्ट को याद करते हुए दीये जला दिए। नौ मिनट तक जलने वाले दीये की लौ सभी लोगों को आलोकित कर रही थी। लोग अदृश्य शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव कर रहे थे। शहर के मंदिरों पर भी जल उठे दीये
शहर के घरों के साथ-साथ मंदिरों पर भी दीये जलाए गए। स्थानीय गंगासागर तालाब परिसर स्थित रामेश्वर नाथ शिवालय पर समाजसेवी कैलाश साह, पुजारी दिनेश गिरी द्वारा नौ दीये जलाए गए। वहीं स्टेशन चौक स्थित हनुमान प्रेम मंदिर पर पुजारी किशोरी शरण दास, टाउन क्लब मैदान स्थित हनुमान मंदिर पर रीता झा, गिलेशन बाजार स्थित दुर्गा मंदिर पर प्रशांत कुमार, लोहापट्टी स्थित गणेश मंदिर पर प्रवीण कुमार द्वारा दीये जलाए गए। इसके अलावा शहर के सुरतगंज, महराजगंज, लेहरियागंज, भौआड़ा सहित अन्य जगहों के दो दर्जन से अधिक मंदिरों पर दीये जलाए गए। दीपक जलाने से टल जाती अकाल मृत्यु : छोटी दीपावली के समान दीये जलाने से पूर्व पंडित पीतांबर झा ने बताया कि काíतक माह में होने वाले दीपावली से एक दिन पहले छोटी दीवाली मनाई जाती है। इस दिन यमराज की पूजा की जाती है। इस दिन जलाए गए दीया को यम का दीपक कहते हैं। माना जाता है कि यमराज के लिए तेल का दीपक जलाने से अकाल मृत्यु भी टल जाती है। इस दिन आयु के देवता यमराज और सौंदर्य के प्रतीक शुक्र की उपासना की जाती है। इस दिन श्रीकृष्ण की उपासना भी की जाती है। इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था।