अन्य गांव की तुलना में माधोपुर का नहीं हो सका है विकास
गांवों को विकसित कर लोगों को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने का जो भी सरकारी प्रयास किया जा रहा हो, लेकिन वह पूरी तरह धरातल पर उतरता नहीं दिख रहा है।
मधुबनी। (प्रदीप मंडल): गांवों को विकसित कर लोगों को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने का जो भी सरकारी प्रयास किया जा रहा हो, लेकिन वह पूरी तरह धरातल पर उतरता नहीं दिख रहा है। ऐसा ही एक गांव पंडौल प्रखंड के संकोर्थू पंचायत का माधोपुर है। पंचायत की अन्य गांवों की तुलना में इस गांव का विकास नहीं हो पाया है। लगभग दो हजार आबादी वाले इस गांव में 800 वोटर हैं। इस गांव में पंचायत के कुल दो वार्ड आते हैं। जिसमें एक आंगनबाड़ी केन्द्र है। जिस को अपना भवन तक नहीं है। इस गांव में लगभग 55 प्रतिशत लोग साक्षर हैं। जिनमें से अब तक लगभग एक दर्जन लोग सरकारी सेवा दे चुके हैं। यहां लगभग 18 से 20 घंटे बिजली रहती है। जो पंडौल के लोहट फीडर से आती है। गांव में एक नवसृजित प्रथमिक विद्यालय था जो वर्ष 2007-08 से यहां बिना भूमि व भवन के चल रहा था। जब भूमि नहीं मिला तो बिना किसी समायोजन के यहां के विद्यालय को संकोर्थू मध्य विद्यालय के भवन में भेज दिया गया। जहां एक ही भवन में दो अलग-अलग विद्यालय संचालित हो रहा है। गांव में स्कूल नहीं रहने से यहां के बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हो रही है उन्हें प्राथमिक शिक्षा के लिए दूसरे गांव जाना पड़ता है । गांव की मुख्य सड़कों की हालत में सुधार तो हो रहा है। लेकिन, नाला नहीं रहने से जल जमाव की स्थिति बनी रहती है। गांव में एक सामुदायिक भवन है जो जर्जर हालत में हैं। गांव में स्वास्थ्य केन्द्र भी नहीं है। जिस कारण आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
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कहते है ग्रामीण
सरकार की उदासीनता के कारण अबतक माधोपुर का विकास नहीं हुआ है। सड़कों की हालत पहले से बदली है। जल जमाव व सड़क अतिक्रमण एक समस्या बनी हुई है।
बेचन यादव
------------- गांव में एक भी विद्यालय नहीं रहने से गांव के बच्चों को संकोर्थू पढ़ने जाना पड़ता है। जिस कारण दर्जनों लड़के लड़कियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
. शिव कुमार मंडल
------------------- आज भी गांव के लोग खुले में शौच जा रहे हैं। दर्जनों परिवार राशन कार्ड व पेंशन से वंचित हैं जो दर दर भटक रहे हैं। गांव में एक स्वास्थ्य केन्द्र की आवश्यकता है।
गणेश यादव गांव में स्वास्थ्य केन्द्र की जरूरत है। बीमार पड़ने पर लोगों को 15 से 18 किमी दूर सकरी-पंडौल या मधुबनी जाना पड़ता है। जल निकासी के लिए नाला का बनना जरूरी है।
नसिम अहमद उर्फ नन्हे गांव में पिछले कुछ वर्षों में विकास के कार्य हुए हैं। लेकिन, शिक्षा के मुद्दे पर गांव आज भी पिछड़ा हुआ है। स्कूल नहीं रहने से यहां के गरीब बच्चे नहीं पढ़ पा रहे हैं ।
हर्ष नाथ झा, हरखू मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना से गांव की छोटी बड़ी सड़कें पीसीसी व नाला निर्माण किया जाएगा। माधोपुर में हर छोटी बड़ी सड़क पक्की बनाने व जल निकासी नाला बनाने का लक्ष्य है। हर घर नल का जल दिया जाएगा। हर परिवार को जिनके पास शौचालय नहीं है उन्हें शौचालय बनवा लेना चाहिए ताकी यह गांव स्वच्छता अभियान के तहत ओडीएफ घोषित हो सके।
जेबा जबीन, मुखिया आंकड़ों में माधोपुर
--पंचायत -- संकोर्थू
--वार्ड -- दो
--आबादी --. 2000
--मतदाता -- 800
--आंगनबाड़ी-- एक
--सामुदायिक भवन -- एक
--साक्षरता -- 55 प्रतिशत
--स्वास्थ्य केन्द्र -- नहीं
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