इंजीनिय¨रग के छात्रों के लिए काफी बड़ा क्षेत्र
एमटेक कर सेंट्रल यूनिवर्सिटी, रांची में सहायक प्रोफेसर पद पर कार्यरत सतलखा गांव निवासी सुमंत पुष्प ने संघर्ष से इस पद को प्राप्त किया है।
मधुबनी। एमटेक कर सेंट्रल यूनिवर्सिटी, रांची में सहायक प्रोफेसर पद पर कार्यरत सतलखा गांव निवासी सुमंत पुष्प ने संघर्ष से इस पद को प्राप्त किया है। इंजीनिय¨रग की पढ़ाई उन्होंने भुवनेश्वर के एक इंजीनिय¨रग कॉलेज से की। एमटेक आसाम के तेजपुर यूनिवर्सिटी से की। एक वर्ष तक एनआईटी, नरेला नई दिल्ली में सहायक प्रोफेसर पद पर काम किया। वर्तमान में वह रांची में कार्यरत हैं। उन्होंने इंजीनिय¨रग के छात्रों को सलाह देते हुए कहा की इंजीनिय¨रग के छात्र अपनी रूचि के अनुरूप विभिन्न कार्यों पर विचार कर सकते हैं। अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि अपनी विभागीय विशेषता के अनुरूप कैंपस सिलेक्शन के माध्यम से विभिन्न मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छे पदों व तनख्वाह पे काम कर सकते हैं।
मैनेजरियल वर्क व उम्दा सैलरी में रुचि रखने वाले छात्र इंजीनिय¨रग के अंतिम वर्ष से ही कैट, मैट एक्सएटी की तैयारी कर अच्छे संस्थान से एमबीए में दाखिला ले सकते हैं। ताकि भविष्य में अच्छे पैकेज की नौकरी पाया जा सकता है।
जीआरई में अच्छा स्कोर ला कर विदेशों में एमएस की डिग्री ले सकते हैं। विदेशी कंपनियों का एमएस डिग्री होल्डरों की तरफ ज्यादा झुकाव होता है। बड़ी-बड़ी कंपनियां जैसे फेसबुक, गूगल, आइबीएम हमेशा इन तरह के छात्रों को ज्यादा महत्व देता है।
रिसर्च में अभिरुचि रखने वाले छात्र गेट में अच्छा रैंक ला कर आइआइटीएस में एमटेक में एडमिशन ले सकते हैं। आइआइटीएस या किसी अच्छे संस्थान से एकटेक करने के बाद छात्र रिसर्च बेस्ड कंपनी में काम कर सकते हैं या पीएचडी कर सकते हैं। भारत में ़िफलहाल पीएचडी करने के लिए विभिन्न संस्थान 25000 प्रथम 2 वर्ष व 28000 अगले तीन वर्षों तक मासिक फ़ेलोशिप देती है। विदेशों में भी पीएचडी करने पर अच्छे फेलोशिप की व्यवस्था है। इसरो व डीआरडीओ के साइंटिफिक असिस्टेंट पोस्ट के लिए भी आवेदन कर छात्र देशहित में अपना भविष्य बना सकते हैं। मनोयोग से लक्ष्य बनाकर पढ़ाई करें तो ज्ञान के साथ बेहतर जॉब पा सकते हैं।