Move to Jagran APP

जमाबंदी रद के बाबजूद खाली नहीं हो पाई जमीन

जमाबंदी रद करने के आदेश के बाबजूद अतिक्रमित भूमि को अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया जा सका।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 11:44 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 11:44 PM (IST)
जमाबंदी रद के बाबजूद खाली नहीं हो पाई जमीन
जमाबंदी रद के बाबजूद खाली नहीं हो पाई जमीन

मधुबनी। जमाबंदी रद करने के आदेश के बाबजूद अतिक्रमित भूमि को अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया जा सका। जमीन खाली कराने का आदेश लखनौर प्रखंड में सफेद हाथी बन गया है। आदेश की जानकारी सीओ को होने के बाद भी उस अतिक्रमित भूमि को खाली नहीं कराया जा रहा है। नवटोल गांव निवासी नूनू झा ने आदेश को अमलीजामा पहनाने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल एवं भूमि समाहर्ता झंझारपुर का दरवाजा खटखटाया है। मालूम हो कि ये आदेश अपर समाहर्ता मधुबनी के द्वारा 2017-18 में ही पारित किया जा चुका है। भूमि पर कब्जा जमाए हुए लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर अतिक्रमित भूमि खाली कराने के लिए गुहार लगायी गई है।

loksabha election banner

गौरतलब हो कि लखनौर अंचल के बेहट मौजा अंतर्गत खाता संख्या 506 खेसरा नंबर 6772 जिसका रकबा 1 बीघा 13 कट्ठा 14 धूर सैरात की भूमि है। जिसको अवैध तरीके से उक्त भूमि की जामबंदी कायम करा ली गई थी। देय आवेदन में आवेदक नुनु झा ने बताया है कि इस भूमि का जमाबंदी नंबर 1264ए 2027 तथा 2309 है। जो सैरात की भूमि है। जिस पर कुछ लोगों ने अवैध दखल कब्जा जमा रखा है। जिसको अविलंब अतिक्रमण हटाने के लिए गुहार लगाई है। नुनु झा ने अनुमंडल पदाधिकारी झंझारपुर, भूमि सुधार उप समाहर्ता झंझारपुर तथा अंचल अधिकारी लखनौर को उपलब्ध कराये गये अपने आवेदन में उन्होंने न्यायालय अपर समाहर्ता मधुबनी द्वारा जमाबंदी रद के बाद संख्या 23 वर्ष 2017-18 में पारित आदेश की कॉपी संलग्न किया है। एसडीएम अंषुल अग्रवाल ने बताया कि जमाबंदी रद्दीकरण को इंप्लीमेंट कराने के लिए सक्षम पदाधिकारी डीसीएल है। इस मामले की जानकारी ली जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.