झंझारपुर में कन्हैया को दिखाया गया काला झंडा
मधुबनी। भाकपा नेता डॉ. कन्हैया कुमार को झंझारपुर में काला झंडा दिखाया गया। करणी सेना व भाजयुमो की झंझारपुर इकाई ने उनका विरोध किया।
मधुबनी। भाकपा नेता डॉ. कन्हैया कुमार को झंझारपुर में काला झंडा दिखाया गया। करणी सेना व भाजयुमो की झंझारपुर इकाई ने उनका विरोध किया। काला झंडा तब दिखाया गया जब कन्हैया कुमार जन-गण मन यात्रा के दौरान लोगों को संबोधित करने ललित कर्पूरी स्टेडियम जा रहे थे। डीएवी स्कूल के पास कन्हैया कुमार का काफिला गुजरने से काफी पहले ही करनी सेना एवं भाजयुमो के कार्यकर्ता वहां जूट गए। वे रह रहकर नारेबाजी करने लगे। यहां आरएस ओपी के थानाध्यक्ष केपी सिंह एवं सशस्त्र बल मौजूद थे। जब काफिला आने को हुआ तो कार्यकर्ताओं ने वापस जाओ के साथ नारेबाजी की। इसके अलावा आपत्तिजनक नारे लगाते हुए काला झंडा दिखाने लगे। इस विरोध को देख कन्हैया मुस्कराते गाड़ी से निकल गए। वहीं पुलिस विरोध करने वालों को नहीं रोक पाई।
काफिला जाते वक्त लगा कि कन्हैया ने भले विरोध को नजरअंदाज कर दिया। मगर, भाषण में उनकी पीड़ा निकल आई। कहा-ये मुट्ठी भर लोग मुझे काला झंडा दिखाते हैं। भीड़ से पूछा कि क्या वे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री हैं। अगर नहीं तो विरोध क्यों। बाढ़ के समय मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का विरोध क्यों नहीं किया। ये मुट्ठी भर लोग वही हैं जो नेता के इशारे पर विरोध करते हैं। इससे डरनेवाला नहीं हूं। कन्हैया के वक्तव्य पर करणी सेना के राघवेंद्र सिंह ने कहा कि उनका काम देशद्रोहियों का विरोध करना है। उन्हें जो बोलना है बोलें। विरोध करने वालों में राजीव कुमार सिंह, सन्नी सिंह, रवि गौरव, पुष्पक सिंह, किशोर कुमार, पिकू ठाकुर, दीपक पोद्दार, रूपेश सिंह, राजू मंडल, उमेश प्रसाद, प्रदीप झा, सोहन झा, मनीष सिंह, माणिक सिंह, दीपक सिंह, संजय साह, भवेश सिंह, गोविद झा, सिकंदर यादव, दिनेश सिंह परमार, सागर सिंह, विंदेश्वर मंडल, संजय पासवान, संकी सिंह, विनय सिंह, दिवाकर सिंह, भोला सिंह आदि शामिल थे।