जयनगर अनुमंडल मुख्यालय में तीन दशकों से सड़क ही बनी बस पड़ाव
झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र में नामांकन के बाद चुनावी गहमागहमी शुरू हो गई है।
मधुबनी। झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र में नामांकन के बाद चुनावी गहमागहमी शुरू हो गई है। लेकिन, मतदाता की कसौटी पर कौन प्रत्याशी खरा उतरता हैं, यह तो 23 मई को मतगणना परिणाम घोषित होने के बाद ही पता चल सकेगा। लेकिन चुनाव को लेकर नामांकन करने वाले उम्मीदवारों के बारे में चर्चाएं की जाने लगी है। विकासात्मक कार्यों पर भी बहस होने लगा है। कई समस्याएं विगत कई दशकों से सुरसा की तरह मुंह बाए खड़ी है, लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि ने इसके समाधान के प्रति कभी गंभीर नहीं दिखे। मतदाता भी इस बार ठोक बजाकर अपने मताधिकार का उपयोग करने की सोच रहे हैं। झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र के अधीन विभिन्न समस्याओं में से एक मुख्य समस्या जयनगर अनुमंडल मुख्यालय में तीन दशकों से बस पड़ाव की सुविधा नहीं होना है। तीन दशक से बस पड़ाव का हो रहा इंतजार: कहा जाता है कि बेहतर आवगमन की सुविधाएं विकास का मार्ग प्रशस्त करने में सहायक होती हैं। भारत-नेपाल के सिंहद्वार पर अवस्थित जयनगर शहर विगत तीन दशक से अधिक समय से एक अदद बस पड़ाव के तरस रही है। जयनगर को अनुमंडल बने तीन दशक होने को है, लेकिन, इस शहर को अब तक एक बस पड़ाव नसीब नहीं हो सका है। कई चुनाव आए और गए। लेकिन, नुमाइंदों इस दिशा में कभी सार्थक पहल नहीं की, जिसका मलाल लोगों को अंदर तक दर्द दे रहा है। जबकि इस शहर में नेपाल के यात्रियों का भी भारी दबाव बना रहता है। यहां से देश व राज्य की राजधानी समेत राज्य के अन्य शहरों के लिए प्रतिदिन दर्जनों बसें रवाना होती हैं। सड़क ही बना है बस पड़ाव: अनुमंडल मुख्यालय जयनगर में सड़क पर ही एक तरह बस पड़ाव बना हुआ है। यहां यात्रियों के लिए सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। न बैठने की व्यवस्था, न शौचालय और न ही पेयजल आदि की समुचित व्यवस्था है। जिस कारण खासकर महिला यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नेपाल के भरत कुमार, जयनगर के कौशल किशोर, रामभरोस यादव समेत अन्य लोगों ने बातचीत के क्रम में बताया कि जयनगर में बस पड़ाव का नहीं होना इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। कहते हैं अधिकारी :
अनुमंडल पदाधिकारी शंकर शरण ओमी ने बताया कि जयनगर में बस पड़ाव के लिए जमीन चिह्नित कर लिया गया है। सरकार के पास प्रस्ताव भी भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी।