कुहासे के साथ ठंड में तेजी से हो रही इजाफा
मौसमी करवट के साथ इस वर्ष अब ठंड का एहसास होने लगा है। ठंड से बचाव के उपाय पर लोग अमल करने लगे।
मधुबनी। मौसमी करवट के साथ इस वर्ष अब ठंड का एहसास होने लगा है। ठंड से बचाव के उपाय पर लोग अमल करने लगे। कुछ दिनों से कुहासे बढ़ने के साथ अहले सुबह ठंड का असर बढ़ जाता है। मौसम में आई बदलाव के साथ लोग रखे गर्म कपड़े का प्रयोग शुरू कर दिए हैं। घरों के पंखे रात को बंद होने लगे हैं। ठंड के साथ ही आने वाले ठंड भरी कुछ महीनों तक लोगों की दिनचर्या में काफी बदलाव आ जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह में कुहासा का असर देखा जा रहा है। ठंड से बचाव की तैयारी ठंड और अधिक बढ़ने की संभावना को देखते हुए लोगों को इससे बचाव की तैयारी के साथ सजग रहने की जरूरत होती है। इन दिनों ठंड के एहसास के साथ इससे बचाव की तैयारी शुरू हो गई हैं। ठंड में बुजुर्ग इससे बचाव के उपाय ढूंढने लगते हैं। वहीं छोटे बच्चों के लिए परिजनों को विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। युवा ऐसे मौसम की अनदेखी करते हुए गर्म कपड़ों से बचते दिखते हैं। इसी दरम्यान ठंड व धूप के बीच के मौसम में सर्दी बुखार सहित कई रोगों का प्रकोप बढ़ने की शिकायत बढ़ जाती है। ठंड के दिनों में कई दिनों तक लगातार शीतलहर के कारण लोगों को खिली धूप का लाभ नहीं मिल पाता है। शीतलहर के दिनों में अलाव से निकलने वाला धुआं वातावरण में काफी समय तक देखा जाता है। ठंड में स्कूली बच्चों को होती कठिनाई आमतौर पर शीतलहर के दिनों में स्कूली बच्चों को स्कूल जाने में बड़ी कठिनाई होती है। ठंड के कारण बच्चे सुबह 9 बजे से संचालित होने वाले विद्यालय जाने के लिए ससमय तैयार नहीं हो पाते हैं। सुबह स्कूल जाने के लिए तैयार होने वाले बच्चे ठंड से परेशान देखे जाते हैं। ठंड के दिनों में स्कूलों के संचालन के समय बदलाव की जरूरत देखी जाती है। हालांकि शीतलहर के समय जिला प्रशासन द्वारा सरकारी-गैर सरकारी स्कूलों को कुछ दिनों तक बंद रखे जाने का निर्देश जारी किया जाता है।