साकार हो रही 'घर एक मंदिर' की कल्पना
मधुबनी। गृहिणियों की पुरुषों से घर पर कम समय देने की शिकायत दूर हो गई। वहीं पुरुषों क
मधुबनी। गृहिणियों की पुरुषों से घर पर कम समय देने की शिकायत दूर हो गई। वहीं पुरुषों को गृहिणियों से मनचाहा व्यंजन नहीं परोसने की तकरार भी गायब है। लॉकडाउन से पूर्व के दिनों की व्यस्तता गृहिणियों को उनके घर के सभी लोगों की फरमाइश पूरा करने में होने वाली परेशानी लॉकडाउन ने समाप्त कर दी है। लॉकडाउन से गृहिणियों में सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए नाश्ता समेत परिवार के अन्य स्वजनों के लिए जल्दी-जल्दी तरह-तरह के व्यंजन तैयार करने की टेंशन फ्री हो गई है। जबकि वे घर पर ही रहने वाले सभी सदस्यों को उनके मनपसंद व्यंजन तैयार कर सभी को खुश रखने में सफल हो रही है। 'लॉकडाउन से पूर्व पापा को नाश्ता की जल्दबाजी रहती थी। सुबह जल्दी-जल्दी घर छोड़ने में कभी-कभी बगैर जलपान घर से निकल जाते थे। लॉकडाउन में घर पर रहने से ससमय नाश्ता, भोजन का लाभ ले रहे है।'
- नेहा कुमारी 'लॉकडाउन अवधि में घर के बच्चों की आइसक्रीम की फरमाइश पूरी करने का पूरा समय मिलता है। आइसक्रीम के लिए बच्चों की नजर अधिकांश समय रेफ्रिजरेटर की ओर लगी रहती है। बच्चे काफी खुश रहते हैं।'
- प्रीती चौधरी 'लॉकडाउन से पूर्व रेस्टोरेंट से लाए जाने वाले लजीज व्यंजन घर पर तैयार करती हूं इन व्यंजनों का आनंद उठा कर घर के सभी स्वजन काफी खुश होते है। तरह-तरह के व्यंजन बनाना भी सीख रही हूं।'
- बंदना पूर्वे 'लॉकडाउन से लगातार घर पर सभी स्वजनों को एक साथ रहने से घर में हरपल खुशी का माहौल बना रहता है।'घर एक मंदिर'की कल्पना साकार हो रहा है। कार्य से दिनभर घर से बाहर रहने वाले स्वजनों के साथ भरपूर समय गुजारने का अवसर मिला है।
- रिकू कुमारी