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नगर परिषद में दो अलमारियों के ताले तोड़ निकाली गई आवास योजना की फाइलें

मधुबनी। नगर परिषद में कई माह से बंद दो अलमारियों के ताले शुक्रवार को तोड़े गए। एक पूरी तरह खाली थी तो दूसरी में आवास योजना की सैकड़ों फाइलें मिलीं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 11:14 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 11:14 PM (IST)
नगर परिषद में दो अलमारियों के ताले तोड़ निकाली गई आवास योजना की फाइलें
नगर परिषद में दो अलमारियों के ताले तोड़ निकाली गई आवास योजना की फाइलें

मधुबनी। नगर परिषद में कई माह से बंद दो अलमारियों के ताले शुक्रवार को तोड़े गए। एक पूरी तरह खाली थी तो दूसरी में आवास योजना की सैकड़ों फाइलें मिलीं। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में करीब पांच घंटे तक इन्वेंट्री की प्रक्रिया हुई। पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराई गई। मजिस्ट्रेट के रूप में अवर निर्वाची पदाधिकारी व कार्यपालक दंडाधिकारी राजेश कुमार साह मौजूद रहे। रिपोर्ट एसडीएम सदर को भी भेजी जा रही है। कार्यपालक पदाधिकारी आशुतोष आनंद चौधरी के आवेदन पर यह कार्रवाई हुई।

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मालूम हो कि नगर परिषद की आवास योजना से जुड़ी फाइलों के अलमारी में बंद होने से लाभुकों को इसकी राशि नहीं मिल पा रही थी। वहीं, किसी तरह की गड़बड़ी की जांच भी नहीं हो पा रही थी। इस संबंध में कार्यपालक पदाधिकारी ने एसडीएम सुनील कुमार सिंह को आवेदन दिया था। इसके बाद यह कार्रवाई की गई। मजिस्ट्रेट के सामने आवास योजना से जुड़ीं कुल 862 संचिकाएं एक अलमारी में मिलीं।

लिखित में कुछ नहीं, मौखिक हो रहा था सारा काम : ताला तोड़ने आए मजिस्ट्रेट के सामने भंडारपाल अकील अहमद ने लिखित रूप से बताया कि नगर परिषद में कहीं भी इन अलमारियों का जिक्र नहीं है। इसे कब खरीदा गया, इसकी भी जानकारी नहीं है। वहीं, आवास योजना की फाइल किसके आदेश से कर्मी पवन कुमार को सौंपी गई, इसकी जानकारी वर्तमान कार्यपालक पदाधिकारी को भी नहीं थी। मौखिक रूप से उसे इस योजना की फाइलों का प्रभार दे दिया गया था। मगर, वह 10 माह से फरार है। उसके फरार होने के बाद भी नगर परिषद की ओर से कोई प्राथमिकी नहीं दर्ज कराई गई। कार्यपालक पदाधिकारी ने यह स्वीकार किया कि पवन कुमार योजना की फाइलों का संचालन करता था। मगर, उसे किसने प्रभार दिया, इसका जिक्र कहीं भी लिखित में नहीं है। इस मामले में सशक्त स्थायी समिति की बैठक में सभी फाइलों की जिम्मेदारी कर्मी अनिल कुमार झा के हवाले करने का निर्णय लिया गया। मगर, वे भी लगातार अनुपस्थित हैं। इसे देखते हुए फिलहाल प्रधान सहायक व लेखापाल शंकर झा को सभी फाइलों की जिम्मेदारी दी गई है।

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