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फुलपरास अनुमंडल में स्वास्थ्य सेवाएं बदतर हाल में

फुलपरास (मधुबनी)। अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत चार पीएचसी 15 एपीएचसी से लेकर अनुमंडल अस्पताल खुद बीमार होकर अपने उद्धारक की बाट जोह रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jun 2019 11:22 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2019 11:22 PM (IST)
फुलपरास अनुमंडल में स्वास्थ्य सेवाएं बदतर हाल में
फुलपरास अनुमंडल में स्वास्थ्य सेवाएं बदतर हाल में

फुलपरास (मधुबनी)। अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत चार पीएचसी 15 एपीएचसी से लेकर अनुमंडल अस्पताल खुद बीमार होकर अपने उद्धारक की बाट जोह रहा है। घोघरडीहा नगर पंचायत एवं प्रखंड और फुलपरास, लौकही एवं खुटौना प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत लगभग 10 लाख से अधिक की आबादी के इलाज का जिम्मा चार पीएचसी और एक अनुमंडलीय अस्पताल में सृजित कुल 64 पद के विरुद्ध महज 11 चिकित्सक के भरोसे चल रहा है जो सरकार को आईना दिखा रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा प्राप्त घोघरडीहा पीएचसी में एक भी एमबीबीएस चिकित्सक नहीं है,आयुष चिकित्सक चिकित्सा पदाधिकारी के प्रभार में है। जहां ढाई लाख की आबादी पर प्रखंड में एक पीएचसी है। इसी तरह लौकही, फुलपरास एवं खुटौना पीएचसी में भवन,चिकित्सक एवं अन्य समस्याओं का अंबार है। महिला चिकित्सक नहीं, योजना संचालन पर सवालिया निशान : अनुमंडल के चारों प्रखंड मुख्यालय में अवस्थित पीएचसी में से किसी भी पीएचसी में महिला चिकित्सक के नही रहने से होने वाली कठिनाइयों का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।15 एपीएचसी,चार पीएचसी में एक भी महिला चिकित्सक कार्यरत नही है,जिससे सुरक्षित प्रसव के लिए सरकार द्वारा संचालित योजनाओं पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर रहा है,चूकि अनुमंडलीय अस्पताल फुलपरास के अलावे सभी पीएचसी में एएनएम और पुरुष चिकित्सक के द्वारा प्रसव कार्य कराया जाता है। जांच के नाम पर एक्सरे तक की सुविधा नहीं : जानकारी के मुताबिक अनुमंडल क्षेत्र के लौकहा विधानसभा और फुलपरास विधानसभा के मधेपुर प्रखंड के 20 पंचायत को छोड़कर दो विधानसभा क्षेत्र के लिए अन्तर्गत 10 लाख से अधिक लोगो के प्राथमिक इलाज के लिए चार प्राथमिक स्वस्थ केंद्र( घोघरडीहा,लौकही,खुटौना एवं फुलपरास ) तथा अनुमंडलीय अस्पताल सरकार द्वारा संचालित है।जिसमें अनुमंडलीय अस्पताल को छोड़कर किसी पीएचसी में जांच के नाम पर एक्सरे की सुविधा भी उपलब्ध नही है,जो सरकार का पोल खोल रहा है। चिकित्सकों, दवाओं की कमी से जूझ रहा अस्पताल : फुलपरास अनुमंडलीय अस्पताल में सृजित 30 चिकित्सकों में एक महिला चिकित्सक सहित पांच चिकित्सक कार्यरत हैं। दवाओं में 132 के प्रावधान होने की जानकारी है और उपलब्ध 80 प्रकार के होते है।इसी तरह पीएचसी 122 तरह की दवाओं में से लगभग 75 तरह की दवाएं ही उपलब्ध रहता है।एपीएचसी में कार्यरत रहे आयुष चिकित्सक के भरोसे घोघरडीहा पीएचसी में सृजित 10 पदों में प्रतिनियुक्ति पर एक चिकित्सक कार्यरत है तो खुटौना पीएचसी में सृजित सात में कार्यरत एक चिकित्सक तथा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी है। फुलपरास पीएचसी में सृजित चार में एक कार्यरत है एवं लौकही पीएचसी में तीन चिकिसक कार्यरत है जबकि सृजित पद तेरह है। क्या कहते हैं लोग :

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अरुण कुमार, राजनारायण प्रसाद, रामप्रसाद कामत, शंभु कुमार ने कहा कि क्षेत्रवासियों के स्वास्थ्य सेवा भगवान भरोसे है।पिन्टू कुमार,संतोष राय ने उक्त सभी अस्पतालों को रेफर हॉस्पिटल नाम रख देना चाहिए। क्या कहते हैं अधिकारी : सिविल सर्जन डॉ. मिथिलेश मिश्र ने कहा कि फिलहाल जितने चिकित्सक हैं, उन्हीं से काम चलाया जाएगा। चिकित्सक उपलब्ध होने पर उन्हें पदस्थापित किया जाएगा।

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