सिक्की कला के जरिए तकदीर संवारेगी आधी आबादी
जीविका उद्यम विकास योजना के तहत नाबार्ड के सहयोग से जिले के पंडौल व रहिका प्रखंड के 60 जीविका समूह से जुडी 60 महिलाओं को सिक्की कला का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मधुबनी। जीविका उद्यम विकास योजना के तहत नाबार्ड के सहयोग से जिले के पंडौल व रहिका प्रखंड के 60 जीविका समूह से जुडी 60 महिलाओं को सिक्की कला का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए नाबार्ड के डीडीएम सुमित कुमार व प्रशिक्षण परियोजना के संचालक युवा कृति संगम के सीईओ एसके चौधरी ने बताया कि जनवरी के अंत तक आयोजित प्रशिक्षण शिविर में महिलाओ को सिक्की कला की जानकारी के अलावा मार्के¨टग सहित इस कला के विकास और इसे रोजगारपरक बनाने की विशेष पहल की जाएगी। श्री चौधरी ने बताया कि प्राकृतिक वस्तुओं से गृह उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सिक्की कला उपयुक्त है। इस कला के माध्यम से महिलाओ की आर्थिक वृद्धि, सामाजिक विकास तथा महिला सशक्तीकरण को साकार किया जा सकता है। सिक्की कला की मांग देश-दुनिया में बढ़ी है। सिक्की शिल्प की बेजोड़ कलाकृति से जिले की आधी आबादी की तकदीर संवारी जा सकती है। इस कला के जरिए महिलाएं गरीबी उन्मूलन को पीछे छोड़ते हुए स्वरोजगार की पथ पर आगे बढ़ सकती है। जिले में महिलाओ के लिए सिक्की कला वरदान साबित हो रहा है। महिलाएं प्रतिदिन करीब छह घंटा की मेहनत से तैयार इस कलाकृति से प्रतिमाह माह हजारों रुपए की आमदनी कर सकती है।