सेविका -सहायिका को सरकारी कर्मचारी का मिले दर्जा
बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में गुरूवार को पंद्रह सूत्री मांगों को लेकर समाहरणालय के समक्ष प्रमिला पूर्वे, रमापरी देवी व शबनम झा की संयुक्त नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया गया।
मधुबनी। बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में गुरूवार को पंद्रह सूत्री मांगों को लेकर समाहरणालय के समक्ष प्रमिला पूर्वे, रमापरी देवी व शबनम झा की संयुक्त नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर जिला महासचिव शबनम झा ने कहा कि सरकार से आरपार की लड़ाई लड़ने के लिए एकजुटता का परिचय के साथ संगठन के साथ रहे। सभी आंगनबाड़ी संगठन एक मंच पर आ गई है। जबतक सरकार आंगनबाड़ी सेविका -सहायिकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा नही देती तबतक सेविका को 18000 एवं सहायिका को 12000 मानदेय देना होगा। उन्होंने कहा कि मांगों को लेकर 28 नवंबर को मुख्यमंत्री का घेराव किया जाएगा। उसके बाद भी सरकार नही मानती है तो 5 दिसंबर से अनिश्चितकालीन तालाबंदी संगठन शुरू किया जाएगा। वहीं संयोजन मंडल की उर्मिला पूर्वे एवं रामपरी देवी ने सेविका-सहायिका पर हो रहे शोषण और अत्याचार को असहनीय बताते हुए कहा कि श्रम कानून के अनुरूप मानदेय राशि देने की मांग सरकार से की है। उन्होंने सेविका-सहायिका से 10 अक्टुबर से सरकार के उपेक्षापूर्ण निति के विरोध में काला बिल्ला लगाकर कार्य करने की अपिल की है। एक तरफ सरकार नारी सुरक्षा की बात करती है वहीं दूसरी तरफ न्यूनतम से भी कम मजदूरी में काम करवाती है। सभा को कमल नारायण ¨सह, विपिन कुमार पांडेय, रीता पांडेय, ममता देवी, मंजू देवी, रंजू देवी, विद्या देवी, कविता देवी, ¨पकी देवी, मोहसीना खातून, सरिता प्रभा, रमेश झा, रम्मी देवी, लोकनाथ झा, चंद्रकला देवी, मोहन ठाकुर, विमल देवी, उषा मिश्रा, वीणा दास, निभा ठाकुर, मीना कुमारी, आरती कुमारी, अंजली कुमारी, राजकुमारी देवी, सुशाीला देवी सहित अन्य ने संबोधित किया।