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ऐतिहासिक स्थल सौराठ की प्रसिद्धि में लगा चार चांद

मैथिली ब्राह्मणों की वैवाहिक निर्णय स्थली के रुप में विश्व प्रसिद्ध रहे सौराठ की प्रसिद्धि में गुरुवार 10 जनवरी को और भी चार चांद लग गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 10:50 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 10:50 PM (IST)
ऐतिहासिक स्थल सौराठ की प्रसिद्धि में लगा चार चांद
ऐतिहासिक स्थल सौराठ की प्रसिद्धि में लगा चार चांद

मधुबनी। (राम प्रकाश चौरसिया) मैथिली ब्राह्मणों की वैवाहिक निर्णय स्थली के रुप में विश्व प्रसिद्ध रहे सौराठ की प्रसिद्धि में गुरुवार 10 जनवरी को और भी चार चांद लग गया। विश्व प्रसिद्ध रहे सौराठ अब विश्व प्रसिद्ध मधुबनी मधुबनी पें¨टग से भी जुड़ गया है। जिस कारण सौराठ की ऐतिहासिक धरती पर सोने पर सुहागा वाली कहावत गुरुवार को चरितार्थ हो गई। अब रहिका प्रखंड क्षेत्र स्थित ऐतिहासिक स्थल सौराठ देश-विदेश में न केवल मैथिल ब्राह्मणों के वैवाहिक निर्णयी स्थली के रुप में जाना जाएगा बल्कि मधुबनी पें¨टग्स के क्षेत्र में मिथिला चित्रकला संस्थान तथा मिथिला ललित संग्रहालय के लिए भी जाना जाएगा।

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गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सौराठ में मिथिला चित्रकला संस्थान एवं मिथिला ललित संग्रहालय के भवनों के निर्माण हेतु शिलान्यास कार्य कर जिले को विश्व प्रसिद्ध साबित होने वाले दो नायाब संस्थानों की सौगात जिलेवासियों को दिया है।

उल्लेखनीय है कि मधुबनी जिले के भ्रमण के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने 19 जनवरी 2012 को मिथिला चित्रकला संस्थान की जिले में स्थापना की घोषणा की थी। इस हेतु मंत्रिपरिषद ने सितंबर 2013 में स्वीकृति भी प्रदान कर दिया। अब 10 जनवरी 2018 को इस संस्थान भवन के निर्माण हेतु सीएम ने शिलान्यास कार्य भी संपन्न कर दिया। इससे जिलेवासियों, मधुबनी पेंटिेंग के कलाकारों में बेहतर संदेश गया है।

मिथिला चित्रकला संस्थान के भवनों का निर्माण 27.48582 करोड़ की लागत से तो मिथिला ललित संग्रहालय भवन का निर्माण 13.26613 करोड़ की लागत से होगा। इन दोनों संस्थानों के भवनों का निर्माण बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। उक्त दोनों संस्थानों के लिए 7.85 एकड़ जमीन का बंदोबस्त किया गया है। मिथिला ललित संग्रहालय को विश्वस्तरीय बनाया जाएगा। मिथिला चित्रकला संस्थान के भूतल पर वर्कशॉप हॉल, कांफ्रेंस हॉल, रिसेप्शन एरिया, डायरेक्टर चेंबर, डिप्टी डायरेक्टर चेंबर, प्रसाधन कक्ष एवं कैंटीन का प्रावधान किया गया है। जबकि प्रथम तल पर वर्ग कक्ष, स्टाल रूम, अकाउंट रूम, रिकार्ड रूम, एवं प्रसाधन कक्ष का प्रावधान है। इसके अलावा इस फेकल्टी रसीडेंस, डायरेक्टर्स रेसीडेंस, विभिन्न गैलरियां, मल्टीपरपस हॉल, पुस्तकालय, छात्र व छात्राओं के लिए अलग-अलग हॉस्टल, बिजली संयंत्र व गार्ड रूम का भी निर्माण किया जाएगा।

मिथिला ललित संग्रहालय वास्तुविदीय नक्शे पर बनाया जाएगा। ये भवन 2429 वर्ग मीटर भूभाग पर होगा। जी प्लस टू स्ट्रकचर वाले इस भवन में अत्याधुनिक ओरिएंटेशन रूम, एक्जिविशन गैलरी, इन्ट्रोडकशन गैलरी, इन्ट्रान्स लॉबी, टिकट काउंटर तथा कैफेटेरिया का प्रावधान होगा। इतना ही नहीं नैसर्गिक प्रकाश एवं कृत्रिम प्रकाश के समुचित समावेशन का भी ख्याल रखा जाएगा। फायर सेफटी, सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, रेन वेट हार्वेस्अ¨ग का भी प्रावधान होगा। विभिन्न दुर्लभ किस्म के पौधों को लगाने की भी योजना है। वर्ष 2020 के अगस्त तक उक्त दोनों भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।


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