बाढ़ पीड़ितों की सूची में नाम नहीं रहने का आक्रोश
मधेपुर प्रखण्ड की महा¨सह हसौली पंचायत के बगाही टोले के एक सौ से अधिक महादलितों ने एसडीओ से मिलकर आक्रोशपूर्ण शिकायत की।
मधुबनी। मधेपुर प्रखण्ड की महा¨सह हसौली पंचायत के बगाही टोले के एक सौ से अधिक महादलितों ने एसडीओ से मिलकर आक्रोशपूर्ण शिकायत की। उनका आरोप है कि उनका नाम बाढ़ पीड़ितों की सूची से गायब कर दिया गया है। आरोप है कि तीन हजार लोगों का नाम बाढ़ पीड़ितों की सूची में दिया गया था। लेकिन, प्रखण्ड एवं पंचायत स्तर पर एक राजनीति के तहत मात्र 1600 लोगों के परिवार की सूची जमा की गई है। इन सूचियों में अधिकांश वैसे परिवार हैं जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं और वे लोग जो आर्थिक रूप से एकदम से कमजोर हैं, उनलोगों का नाम एक साजिश के तहत हटा दिया गया है। एसडीओ विमल कुमार मंडल ने गंभीरतापूर्वक बात सुनने के बाद कहा कि आप वैसे लोग जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं, का नाम बताएं ताकि त्वरित जांच कर उनपर कार्रवाई की जा सके। एसडीओ ने स्पष्ट किया कि जो भी गलत ढंग से बाढ़ आपदा की राशि हजम करेंगे उनपर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। महादलितों द्वारा दिए गए आवेदन को एसडीओ ने बीडीओ मधेपुर को उचित कार्रवाई हेतु भेजा है। एसडीओ से मिलने वालों में आशा देवी, जीतू देवी, सोनदाय देवी, यमुना देवी, अमका देवी सहित करीब एक सौ लोग थे। दूसरी ओर, सीपीआई एमके मधेपुर अंचल मंत्री रामनारायण यादव ने एसडीओ को एक पत्र देकर मधेपुर प्रखण्ड में बाढ़ राहत में व्यापक पैमाने पर धांधली का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। उन्होंने कई साक्ष्य के साथ एसडीओ को बताया है कि जीआर मद की राशि एक ही परिवार के कई लोगों के नाम खाते में हस्तानान्तरित की गई है।