हाथों की कलाकारी से आत्मनिर्भर हो रहीं महिलाएं
मधुबनी। निशुल्क सिलाई प्रशिक्षण पाकर महिलाएं आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ रही हैं। उनके सपनो
मधुबनी। निशुल्क सिलाई प्रशिक्षण पाकर महिलाएं आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ रही हैं। उनके सपनों ने साकार होने की राह पकड़ ली है। कपड़ों की सिलाई को सहज बनाने के साथ ही वे फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में भी पैर पसार रही हैं। खुद ही कपड़ों की डिजाइन बनाती हैं और उसे तैयार करती हैं। इन महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए मधुबनी के मधवापुर प्रखंड के अवारी गाव निवासी समाजसेवी पंकज झा डेढ़ साल से सिलाई प्रशिक्षण केंद्र चला रहे हैं। उनकी देखरेख में अब तक तकरीबन 600 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। आपसी सहयोग से संचालित होता केंद्र : अवारी स्थित पंकज के आवासीय परिसर में तकरीबन साढ़े सात लाख की लागत से प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की गई है। केंद्र के संचालन में रवि व्योम शकर झा, डॉ. योगेंद्रनाथ झा, अनिल नारंग, रवि द्रोलिया, राजू छुगानी, अरुण कुमार सहित करीब एक दर्जन व्यवसायियों और समाजसेवियों का सहयोग मिल रहा है। प्रशिक्षण के लिए मो. असगर व मो. अंसारी यहा कार्यरत हैं। इन्हें प्रतिमाह एक निर्धारित सहयोग राशि प्रदान की जाती है।
यहा से प्रशिक्षण पाकर अपना काम कर रही रेखा कुमारी कहती हैं कि ट्रेनिंग के बाद आत्मविश्वास बढ़ा है।खुद के काम से स्वावलंबी होने का एहसास हो रहा है। परिवार की आíथक स्थिति सुधरी है।
इधर, हरलाखी विधायक सुधाशु शेखर का कहना है कि पंकज झा सराहनीय काम कर रहे। इससे महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ रहा है। स्कूल ड्रेस कारखाना स्थापित करने की योजना : प्रशिक्षण केंद्र के संचालक पंकज झा ने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्कूल ड्रेस कारखाना स्थापित करने की योजना है। लॉकडाउन के चलते इस पर ब्रेक लग गया था। फरवरी में कारखाना लगाने की पहल शुरू की जाएगी। यहा सूबे के विभिन्न स्कूलों की ड्रेस बनाई जाएगी।