शहर के ड्रेनेज सिस्टम पर ग्रहण, हर साल जलजमाव झेलने को विवश शहरवासी
मधुबनी। नगर पालिका की स्थापना से नगर परिषद के 111 वर्ष के इतिहास में शहर को ड्रेनेज की सुविधा पर ग्रहण लगा है।
मधुबनी। नगर पालिका की स्थापना से नगर परिषद के 111 वर्ष के इतिहास में शहर को ड्रेनेज की सुविधा पर ग्रहण लगा है। वहीं, शहर से जलनिकासी के लिए निर्मित वाट्सन, किग व राज केनाल को संभाल कर रखने की बात तो दूर, इसके उचित रखरखाव में नगर परिषद प्रशासन अबतक अक्षम साबित हुआ है। वर्षा जल के निकासी के लिए ड्रेनेज योजना को धरातल पर उतारने में अबतक के प्रयास हवा-हवाई साबित हुए हैं। यहां ड्रेनेज की बात तो दूर, शहर के आधे-अधूरे नाला से जलनिकासी भी संभव नहीं हो रही है। शहरी क्षेत्र में दो दशक में करोडों खर्च कर बनाए गए नाले बेकार साबित हो रहे हैं। बनाए गए नाला या तो ध्वस्त हो गए या फिर कचरा से जाम हो गया। इधर, नाला का बड़ा हिस्सा अतिक्रमणकारियों के कब्जे में चला गया। ऐसी स्थिति में शहर से जलनिकासी की उम्मीद करना बेमानी होगी।
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मापी और 100 मीटर में नाला निर्माण में गुजर गए सात माह :
शहर को जलजमाव से निजात दिलाने के लिए वर्ष 2019 के मार्च में शुरू स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट का कार्य पूरा होने पर सवाल उठ रहे हैं। प्रोजेक्ट की गति धीमी रहने से इस वर्ष भी बारिश के दिनों में शहरवासी जलजमाव का सितम झेलते रहे। प्रोजेक्ट के प्रति बुडको और निर्माण कंपनी की उदासीनता का आलम यह है कि मापी और सौ मीटर में नाला निर्माण में ही सात माह गुजर गए। एक मार्च को 2019 को यहां राज्य के नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री सुरेश कुमार शर्मा द्वारा स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया गया। 117 करोड़ लागत वाली इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य तीस माह के अंदर पूरा करने का निर्माण कंपनी के साथ एग्रीमेंट हुआ। निर्माण कंपनी द्वारा सितंबर 2019 से मार्च 2020 तक करीब सात माह में केनाल की मापी के अलावा जिला अतिथिगृह से प्रगतिनगर कॉलोनी तक करीब 100 मीटर में नाला निर्माण कार्य होता नजर आ रहा है। मार्च 2020 के अंत से लॉकडाउन के बाद जून से स्थिति सामान्य होने के बाद भी प्रोजेक्ट का कार्य शुरू नहीं हो सका। अगस्त के दूसरे सप्ताह से कार्य तो शुरू किया गया। मगर, कार्य की धीमी गति से निर्माण कार्य को पूरा होने पर सवाल खड़ा हो गया है। प्रोजेक्ट को लेकर बुडको और निर्माण कंपनी की उदासीनता से प्रोजेक्ट को आने वाले वर्षों में भी पूरा होने की उम्मीद पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
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प्रोजेक्ट में तेजी लाने में बुडको व निर्माण कंपनी कर रही टालमटोल : विधायक
नगर विधायक समीर कुमार महासेठ ने बताया कि वर्षो संघर्ष के बाद शहर के लिए स्वीकृत स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट का कार्य शुरू करने में निर्माण कंपनी की नियत पर सवाल उठना लाजमी है। प्रोजेक्ट के तहत शहर में छह किलोमीटर की दूरी में ढक्कन युक्त नाला का निर्माण किया जाना है। जिसमें अबतक एक किलोमीटर में भी नाला निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। पुराने वाट्सन किग्स व राज केनालों का पक्कीकरण कार्य अबतक शुरू भी नहीं हो सका है।शहर के सर्किट हाउस, ऑफिसर्स कॉलोनी, सदर अस्पताल, प्रगति नगर, वाट्सन स्कूल, बिजली कॉलोनी सहित अन्य हिस्सों में जलनिकासी के लिए पंप हाउस और क्रांस ड्रेन निर्माण कार्य अबतक शुरू नहीं हो सका है। प्रोजेक्ट में तेजी लाने में बुडको व निर्माण कंपनी कुसी इंफ्रा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड टालमटोल कर रही है।
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प्रोजेक्ट में तेजी लाने के लिए डीएम से मिलेंगे :
पूर्व विधायक रामदेव महतो ने बताया कि स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट में तेजी लाने के लिए जिलाधिकारी से शीघ्र ही मिलेंगे। ताकि, ड्रेनेज का लाभ लोगों को मिल सके।
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प्रोजेक्ट का कार्य पूरा होने पर संदेह:
शहर के प्रशांत कुमार ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की धीमी गति से लगता है कि इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में वर्षों लग जाएंगे। तब तक शहरवासी जलजमाव का कहर झेलते रहेंगे। वहीं, पूर्व प्रमुख जटाधर पासवान ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का कार्य पूरा होगा भी या नहीं, कुछ कहा नहीं जा सकता है। सरकार की उदासीनता और विभागीय लापरवाही से इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य अधर में लटका नजर आ रहा है। वहीं, ध्रुव नारायण त्रिपाठी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट पर कार्य पूरा करने के प्रति उदासीनता से इसके नाम पर करोड़ों की राशि बंदरबांट की आशंका बन गई है। प्रोजेक्ट को धरातल पर पूरा करने में बुडको व निर्माण कंपनी की कार्यशैली समझ से परे हैं।
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प्रोजेक्ट कार्य में लाई जाएगी तेजी :
बुडको के कार्यपालक अभियंता पंचु पासवान ने बताया की स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट कार्य में तेजी लाई जाएगी। फरवरी 2020 में सर्वे, डिजाइन का अप्रूवल मिलने के बाद कार्य शुरू किया गया था। लॉकडाउन के कारण कार्य बंद हो गया। निर्माण कंपनी कुसी इंफ्रा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कार्य शुरू कर दिया गया है।
इस बीच अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा चार टीम द्वारा मापी कार्य पूरा कर लिया गया है। अतिक्रमण हटाने का कार्य भी शीघ्र ही शुरू होने की उम्मीद है। शहर से सटे जीवछ नदी के आस-पास सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जमीन चिन्हित कार्य चल रहा है। इधर, निर्माण कंपनी कुसी इंफ्रा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर सुब्बा राजू ने बताया कि कार्य शीघ्र ही तेजी लाई जाएगी।