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आधुनिक मछली बाजार के निर्माण पर ग्रहण, कारोबारियों में निराशा

मधुबनी। करीब पांच वर्ष गुजर जाने के बाद भी जिले के पंडौल में आधुनिक मछली बाजार निर्माण की योजना फाइलों में धूल फांक रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 12:39 AM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 12:39 AM (IST)
आधुनिक मछली बाजार के निर्माण पर ग्रहण, कारोबारियों में निराशा
आधुनिक मछली बाजार के निर्माण पर ग्रहण, कारोबारियों में निराशा

मधुबनी। करीब पांच वर्ष गुजर जाने के बाद भी जिले के पंडौल में आधुनिक मछली बाजार निर्माण की योजना फाइलों में धूल फांक रही है। बता दें कि ढाई करोड़ की लागत से बनने वाली हाइजेनिक डोमेस्टिक मॉडर्न फिश मार्केट के निर्माण के लिए वर्ष 2019 में पंडौल के सीओ पंकज कुमार ने पंडौल में एक एकड़ सरकारी जमीन चिन्हित कर तत्कालीन डीएम शीर्षक कपिल अशोक को प्रतिवेदन सौंपा था। इसी बीच उनके तबादला से फाइल अटक गई। तब से यह फाइल पेंडिग में ही है।

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मछली विक्रेताओं के लिए बनने थे दो दर्जन काउंटर :

नेशनल फिशरीज डेवलपमेंट बोर्ड (एनएफडीबी) हैदराबाद ने वर्ष 2015 में मधुबनी जिले का चयन हाइजेनिक डोमेस्टिक मॉडर्न फिश मार्केट का निर्माण करने के लिए किया था। इस प्रोजेक्ट के लागू होने से यहां के मछली विक्रेताओं को आधुनिक बाजार की सुविधा बहाल होती। एयरकंडीशन सुविधा से लैस इस बाजार में मछली विक्रेताओं के लिए तकरीबन दो दर्जन काउंटर बनाए जाने थे। बाजार में बिक्री होने वाले मछलियों के रखरखाव की बेहतर सुविधा के साथ इसके अपशिष्ट के निस्तारण और स्वच्छता की सुविधा के बीच उपभोक्ताओं को मछली की खरीदारी का लाभ मिलता। बता दें कि हाइजेनिक डोमेस्टिक मॉडर्न फिश मार्केट के निर्माण पर ढाई करोड़ रुपये खर्च होने थे। 40 फीसद राशि एनएफडीबी की ओर से अनुदान दिया जाना था। जबकि, 60 फीसद राशि राज्य सरकार को वहन करना था।

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खंडहर बना गिलेशन बाजार का मछली बिक्री के लिए बना शेड :

शहर सहित जिले के किसी भी प्रखंडों में अब तक मछली बिक्री के लिए व्यवस्थित बाजार का निर्माण नहीं हो सका है। जिससे शहर के मुख्य सड़कों या व्यस्ततृम बाजार, चौक-चौराहों पर मछली बाजार के सजने से आवागमन की परेशानी, इसके अपशिष्ट और दुर्गंध से वातावरण को प्रदूषित कर रहा है। वहीं, खरीदारों की भीड़ से जाम की समस्या बढती जा रही है। शहर के गिलेशन बाजार स्थित नगर परिषद की मछली बिक्री के लिए छह दशक पूर्व बनाया गया शेड अब किसी काम का नहीं रहा। देखरेख के अभाव में यह शेड खंडहर बन चुका है। मछली विक्रेता शेड के आगे सड़क अतिक्रमण कर मछली बाजार लगाते हैं। जबकि, खंडहर बन चुके शेड की गंदगी की सफाई नहीं होने से मच्छरों के प्रकोप के अलावा महामारी फैलने की आशंका बनी है। इसी तरह शहर के कोतवाली चौक, गदियानी चौक सहित अन्य जगहों पर सड़क पर मछली बाजार लगने से इसके अपशिष्ट के कारण पशु-पक्षियों का जमघट लगा रहता है।


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