दवा विक्रेताओं ने सेवक के रूप में बनाई खुद की पहचान
मधुबनी। लॉकडाउन में दवा विक्रेताओं का ग्राहकों के प्रति सेवा भावना सामने आया।
मधुबनी। लॉकडाउन में दवा विक्रेताओं का ग्राहकों के प्रति सेवा भावना सामने आया। आवश्यक दवाओं के जरूरतमंदों को दुकान आने के बजाय उनके घरों तक जब दवाएं उपलब्ध कराकर सेवा भावना विक्रेताओं का सेवा भावना अनलॉक में होम डिलीवरी में तब्दील हो गया। इससे सीख लेते हुए इसे शहर के कई दवा विक्रेताओं ने लॉकडाउन से मिली सीख को अब अवसर में बदल कर दवा विक्रेता ग्राहकों के घर दवा मुहैया कराने की पहल शुरू कर दी है। हृदय व डायबिटीज सहित अन्य गंभीर लोगों के लिए होम डिलीवरी ग्राहकों के साथ-साथ विक्रेताओं के लिए काफी फायदेमंद हो रहा है। डॉक्टर के पुर्जा के अनुसार दवा की आपूर्ति के साथ ग्राहक द्वारा ऑनलाइन पेमेंट दवा कारोबार को सुलभ बना दिया है। ग्राहक के लिए दिनभर दुकान पर बैठने की बजाय ग्राहकों तक अपनी पहुंच पहुंच बनाने की दिशा में शहर के कुछ दवा विक्रेताओं का प्रयास उनके कारोबार के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है।
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दवाओं की नियमित आपूर्ति के लिए सजग रहे एसोसिएशन :
लॉकडाउन की तीन महीने की अवधि में दवा दुकान खुली रहने के बाद ही दवा दुकानों तक उपभोक्ताओं को नहीं पहुंचने की स्थिति में दवा विक्रेताओं द्वारा दवा की आपूर्ति की पहल ने शहर के दो दर्जन दवा विक्रेताओं ने शहर के करीब तीन हजार जरूरतमंदों के दवा पहुंचा कर सेवक की पहचान बहाल की है। लॉकडाउन के दौरान उपभोक्ताओं का किसी भी तरह की दवाओं की कमी नहीं होने के लिए मधुबनी केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन पूरी तरह सजग रहा। खासकर हृदय और डायबिटिज की दवाएं की कमी होने के आशंका को देखते हुए एसोसिएशन ने राज्य संगठन से संपर्क कर दवा की दवाओं की नियमित आपूर्ति बहाल रखा गया।
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उपभोक्ताओं को दवा उपलब्ध कराने की कोई कसर नहीं छोड़ा :
जिले में 500 से अधिक दवा के खुदरा विक्रेता और डेढ़ सौ से अधिक थोक विक्रेता के माध्यम लॉकडाउन के दौरान हजारों उपभोक्ताओं को दवा उपलब्ध कराने की कोई कसर नहीं छोड़ा गई। शहर के एक दवा विक्रेता उदय जायसवाल ने बताया कि लॉकडाउन जैसे अनुभव को अवसर में बदलने के लिए दवा विक्रेताओं को अपनी सोच विकसित करना होगा। लॉकडाउन अवधि में दवा प्रतिष्ठानों से जुड़े कर्मियों को घर से प्रतिष्ठान पहुंचने के लिए पास उपलब्ध काराई गई थी ताकि कर्मियों को प्रतिष्ठान पहुंचने तक में दिक्कत नहीं हो सके।
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'शहर सहित जिले के दवा विक्रेताओं ने लॉकडाउन में उपभोक्ताओं के प्रति सजग रहते हुए मानवता की मिसाल कायम की है। इस दौरान दवा विक्रेताओं की भूमिका संवेदनशील हो गई थी। दवा विक्रेताओं ने उपभोक्ताओं को हरसंभव सुविधा मुहैया कराने की कोशिश की। इससे विक्रेता और उपभोक्ताओं के संबंध को अधिक बल मिला है।'
- मनोज मेहता, अध्यक्ष मधुबनी केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन