बिना अनुमति लिए किसी व्यक्ति के भवन, दीवार का उपयोग चुनावी कार्य में न करें
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विभिन्न राजनीतिक दलों एवं अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन हेतु आदर्श आचार संहिता निर्धारित कर रखा है।
मधुबनी। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विभिन्न राजनीतिक दलों एवं अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन हेतु आदर्श आचार संहिता निर्धारित कर रखा है। इसके अनुसार किसी भी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी को ध्वजदंड बनाने, ध्वज टांगने, सूचनाएं चिपकाने, नारे लिखने आदि के लिए किसी भी व्यक्ति के भूमि, भवन, अहाते, दीवार आदि का उसकी अनुमति के बिना उपयोग करने की अनुमति अपने अनुयायियों व समर्थकों को नहीं देना चाहिए। इतना ही नहीं वोट प्राप्त करने के लिए जातीय या सांप्रदायिक भावनाओं की दुहाई नहीं देनी चाहिए। मस्जिदों, गिरजाघरों, मंदिरों या पूजा के अन्य स्थानों का निर्वाचन प्रचार के मंच के रुप में प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। किसी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जो विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेदों को बढ़ाए या घृणा की भावना उत्पन्न करे या तनाव पैदा करे।
इतना ही नहीं जब चुनाव प्रचार के दौरान अन्य राजनीतिक दलों की आलोचना की जाए, तो वह उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पूर्व रिकार्ड और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए। यह भी आवश्यक है कि व्यक्तिगत जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना नहीं की जानी चाहिए, जिनका संबंध अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सर्वजनिक क्रियाकलाप से न हो। राजनीतिक दलों या उनके कार्यकर्ताओं के बारे में कोई ऐसी आलोचना नहीं की जानी चाहिए, जो ऐसे आरोपों पर जिनकी सतयता स्थापित नहीं हुई हो या जो तोड़मरोड़कर कही गई बातों पर आधारित हों। सभी दलों और अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यों से ईमानदारी से बचना चाहिए, जो निर्वाचन विधि के अधीन भ्रष्ट आचरण और अपराध है। जैसे कि मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदाताओं को डराना-धमकाना, मतदाताओं का प्रतिरुपण, मतदान केन्द्र के एक सौ मीटर के अंदर मत याचना करना, मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय खत्म होने वाली 48 घंटे की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाएं करना और मतदाताओं को वाहन से मतदान केन्द्रों तक ले जाना और वहां से वापस लाना।
सभी राजनीतिक दलों या अभ्यर्थियों को इस बात का प्रयास करना चाहिए कि वे प्रत्येक व्यक्ति के शांतिपूर्ण और विघ्नरहित घरेलू जिदगी के अधिकार का आदर करें चाहे वे उसके राजनीतिक विचारों या कार्यों के कितने ही विरूद्ध क्यों न हों। व्यक्तियों के विचारों या कार्यों का विरोध करने के लिए उनके घरों के सामने प्रदर्शन करने या धरना देने के तरीकों का सहारा किसी भी परिस्थिति में नहीं लेना चाहिए। राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके समर्थक अन्य दलों द्वारा आयोजित सभाओं-जुलूसों आदि में बाधाएं उत्पन्न न करें या उन्हें भंग न करें। एक राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और शुभचितकों को दूसरे राजनीतिक दल द्वारा आयोजित सारुवजनित सभाओं में मौखिक रुप से या लिखित रुप से प्रश्न पूछकर या अपने दल के पर्चे वितरित करके गड़बड़ी पैदा नहीं करना चाहिए। किसी दल द्वारा जुलूस उस स्थानों से होकर नहीं ले जाना चाहिए, जिस स्थानों पर दूसरे दल द्वारा सभाएं की जा रही हों। एक दल द्वारा लगाए गए पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्ताओं द्वारा हटाए नहीं जाना चाहिए।