पिपराघाट कार्तिक मेला को राजकीय दर्जा देने की उठी मांग
कार्तिक पूर्णिमा मेला पिपराघाट को राजकीय मेला का दर्जा दिए जाने की मांग जोर पकडने लगी है।
मधुबनी। कार्तिक पूर्णिमा मेला पिपराघाट को राजकीय मेला का दर्जा दिए जाने की मांग जोर पकडने लगी है। लोजपा के जिला उपाध्यक्ष विष्णुदेव भंडारी ने इस बाबत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र प्रेषित किया है।
कहा है कि 1952 से ही मेले खुद व खुद लगता आ रहा है। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्वालु डूबकी लगाने उमडते हैं। तीन दिन तक मेला रहता है। कमला बलान एवं सोनी नदी के त्रिवेणी नदी के संगम होने के कारण यहां के स्नान को काफी फलदायी माना गया है। सटे भटगामा गांव के वाणभट के आश्रम होने की तो पिपराघाट पूल से पश्चिम दधीचि मूनि के कुंड होने की बात कही जाती है। यहीं पौराणिक कमलेश्वर नाथ मंदिर व एक अन्य नवनिर्मित महादेब अवस्थित है। जवकि वैशिष्टय शैली से निर्माणाधीन आकर्षण का केंद्र होता है। इलाकाई ग्रामीण व समिति द्वारा पूर्णिमा मेला के अवसर पर स्थापित विभिन्न देवी देवताओं की प्रतिमा भी आस्था का केंद्र होता है। कहना है इलाकाई लोगों , जनप्रतिनिधियों द्वारा कई बार इस ओर सरकारी अधिकारियों का ध्यान आकष्ट भी किया गया। ¨कतु आज तक सरकार द्वारा मेला को उचित दर्जा नहीं मिल सका। बता दें कि इस वर्ष मेला का उदघाटन 22 नवंबर को है जबकि 23 नवंबर को लाखों श्रद्वालु त्रिवेणी संगम तट पर डूबकी लगाएंगे।