पंडौल प्रखंड के 1250 असंगठित कामगारों का हुआ निबंधन
मधुबनी। श्रम संसाधन विभाग द्वारा गठित बिहार भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की लाभक
मधुबनी। श्रम संसाधन विभाग द्वारा गठित बिहार भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की लाभकारी योजनाओं से प्रखंड क्षेत्र के असंगठित कामगारों को लगातार जोड़ने के लिए निबंधन किया जा रहा है। जानकारी के अभाव में ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले कामगारों को निबंधन कराने के नाम पर कुछ बिचौलिए अवैध उगाही भी कर ले रहे हैं। इसका पर्दाफाश तब हुआ जब दर्जनों कामगार निबंधन कराने पंडौल श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी कार्यालय पहुंचे। प्रखंड परिसर में ही कुछ बिचौलिए उन लोगों से प्रति व्यक्ति 100 रुपये की अवैध उगाही कर रहे थे। लोगों ने इसका विरोध किया, तब इस बात की जानकारी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी मिहिर कुमार को मिली। सूचना मिलते ही वे तत्काल अपने कार्यालय से बाहर आए और लोगों से पूछताछ की। तब लोगों ने उक्त जानकारी उन्हें दी। उन्होंने वहां उपस्थित लोगों को सख्त लहजे में कहा कि किसी भी ऐसे ठग लोगों के सहारे किसी को कार्यालय आने की जरूरत नहीं है। किसी के बहकावे में आकर ठगी का शिकार ना हों। सरकार के द्वारा यह योजना असंगठित कामगारों के लिए ही चलाया जा रहा है। सरकार ने इसके निबंधन के लिए निबंधन शुल्क 20 रुपये और अंशदान 30 रुपये तय कर रखा है। पांच वर्षों तक के लिए एक निबंधन व अंशदान शुल्क 50 रुपये मात्र ली जाती है। उन्होंने कहा की आवेदक कार्यालय से फार्म लेकर आवश्यक कागजात के संग फॉर्म भरकर स्वयं कार्यालय में जमा करें। प्राप्त आवेदनों के जांचोंपरांत आवेदकों का निबंधन कराया जाएगा। जिसकी पावती व निबंधन रसीद दी जाती है। प्रखंड श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी मिहिर कुमार ने कहा कि वे इस मामले की जांच करवाएंगे और ऐसे दोषी व्यक्तियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रखंड में अब तक लगभग 1400 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिसमें से 1250 कामगारों का निबंधन किया जा चुका है। श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी मिहिर कुमार ने कहा कि वैसे असंगठित कामगार जिनकी उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच है। उनका निबंधन हो सकता है। श्रम संसाधन विभाग के द्वारा निबंधन के उपरांत ऐसे असंगठित कामगारों को बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के द्वारा लागू दर्जनों योजनाओं का लाभ दिया जाता है। कार्य में पारदर्शिता के लिए सभी कल्याणकारी योजनाओं की राशि लाभार्थियों के बैंक खाता में आरटीजीएस पद्धति से अंतरित की जाती है।