गांधी प्रतिमा स्थल के सौंदर्यीकरण के प्रति बेपरवाही
मधुबनी। शहर के गिलेशन बाजार स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी प्रतिमा स्थल के सौंदर्यीकरण के प्र
मधुबनी। शहर के गिलेशन बाजार स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी प्रतिमा स्थल के सौंदर्यीकरण के प्रति प्रशासन बेपरवाह बना हुआ है। मालूम हो कि आजादी के बाद ही यहां गांधीवादियों द्वारा महात्मा गांधी की आदमकद प्रतिमा स्थापित की गई थी।यहां गांधी की प्रतिमा स्थापित होने के कारण है इस बाजार को गांधी गुजरी बाजार के नाम से जाना जाता रहा है। प्रशासन की उदासीनता से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आदमकद प्रतिमा स्थल की लगातार उपेक्षा से की स्थिति खराब होती चली गई। पूरी तरह जीर्ण-शीर्ण स्थिति में गांधी की प्रतिमा होने के बाद प्रतिमा स्थल पर वर्ष 2005 में स्थानीय लोगों के सहयोग से संगमरमर की गांधी की एक दूसरी प्रतिमा स्थापित की गई। इसके बाद भी इस स्थल के सौंदर्यीकरण के प्रति प्रशासन की उदासीनता दूर नहीं हो रही है। वर्तमान में प्रतिमा स्थल पर छत के नाम पर मामूली चदरा के नीचे स्थापित गांधी की प्रतिमा होने से गांधीवादियों में निराशा देखी जा रही है। फुटपाथ विक्रेता रोजी-रोटी मजदूर यूनियन के जिला महासचिव राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती और पुण्यतिथि पर स्थानीय लोगों द्वारा प्रतिमा स्थल के निकट कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। प्रतिमा स्थल के सौंदर्यीकरण की लगातार मांग के बाद भी प्रशासन बना है।
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'स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजी साम्राज्यवाद के विरूद्ध देश की आजादी के विरूद्ध कठोर संघर्ष किया। सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों ने बलिदान देकर नए समाज का निर्माण के आंदोलन को मजबूत किया। स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को बुलाया नहीं जा सकता है।'
- रामकरण यादव
'स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए अपने सर्वस्व न्योछावर कर दिया। आजादी के दीवानों ने अंग्रेजों के समक्ष देशवासी की एकता का एहसास कराया। स्वतंत्रता सेनानियों का आदर्श युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है। उनके पदचिन्हों पर चलकर लोकतंत्र को और मजबूती प्रदान किया जा सकता है।'
- पंकज झा