आपदा मद की एसी बिल से निकासी की गई 1.11 अरब का डीसी बिल लंबित
मधुबनी। जिले में वित्तीय वर्ष 2004-05 से 2017-18 तक में आपदा मद की एसी बिल के माध्यम से निकासी की
मधुबनी। जिले में वित्तीय वर्ष 2004-05 से 2017-18 तक में आपदा मद की एसी बिल के माध्यम से निकासी की गई राशि में से अभी भी 1.11 अरब रुपये का डीसी बिल महालेखाकार कार्यालय से समायोजन के लिए लंबित पड़ा हुआ है। इन लंबित डीसी बिलों में वर्ष 2017 में आई प्रलयंकारी बाढ़ से प्रभावित परिवारों को जिले के विभिन्न अंचलों द्वारा आरटीजीएस के माध्यम से भेजी गई जीआर की राशि छह हजार रुपये प्रति परिवार से संबंधित डीसी बिल की संख्या अधिक है। वर्षों से लंबित इन डीसी बिलों के अतिशीघ्र समायोजन के लिए आपदा प्रबंधन विभाग एवं वित्त विभाग ने कड़ा निर्देश दिया है। वहीं, लंबित डीसी बिलों के समायोजन के लिए बीते नौ जनवरी को जिलास्तर से आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिग में मधवापुर एवं मधेपुर के अंचल अधिकारियों ने कहा था कि उनके अंचल से वर्ष 2017 में आई बाढ़ से प्रभावित परिवारों को आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान किए गए राशि के डीसी विपत्रों को महालेखाकार कार्यालय के द्वारा इस आपत्ति के साथ वापस कर दिया गया कि आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान संबंधी अभिश्रव पर संबंधित बैंक का सत्यापन कराया जाए कि राशि लाभुक के खाता में अंतरित की गई है। इस प्रमाण पत्र के लिए संबंधित अंचल अधिकारियों ने कई बार संबंधित बैंक शाखा के प्रबंधक से पत्र के माध्यम से एवं व्यक्तिगत रुप से भी संपर्क किया, लेकिन संबंधित बैंक के शाखा प्रबंधक द्वारा अभिश्रव पर भुगतान संबंधी प्रमाण पत्र नहीं दिए जाने के कारण डीसी बिलों का समायोजन लंबित चला आ रहा है।
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डीएम ने बैंकों को भेजा पत्र :
मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला पदाधिकारी अमित कुमार ने भारतीय स्टेट बैंक की मधेपुर शाखा, पंजाब नेशनल बैंक की मधवापुर शाखा एवं उत्तर बिहार ग्रामीण क्षेत्रीय बैंक की मधवापुर शाखा के शाखा प्रबंधकों को कड़ा पत्र भेजा है। इस पत्र के माध्यम से जिला पदाधिकारी ने उक्त तीनों शाखा प्रबंधकों को निर्देश दिया है कि व्यक्तिगत ध्यान देकर अंचल अधिकारियों के द्वारा आरटीजीएस के माध्यम से बाढ़ पीड़ित परिवारों को जीआर एवं अन्य सहायता राशि उनके बैंक खाते में अंतरित करने के लिए दी गई सूची एवं चेक के आलोक में उनके बैंक द्वारा संबंधित लाभुकों के खाते में अंतरित की गई राशि का प्रमाण पत्र एक सप्ताह के अंदर अनिवार्य रुप से उपलब्ध करा दें। जिला पदाधिकारी ने आगाह किया है कि इस निर्देश का अनुपालन निर्धारित समय सीमा में नहीं करने पर आपदा कार्य में सहयोग नहीं करने के आरोप में उनके विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।