Move to Jagran APP

वायरल फीवर से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे बच्चे

मधुबनी । वायरल फीवर से सबसे अधिक बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। इन दिनों सदर अस्पताल में सर्दी खांसी बुखार से पीड़ित बच्चे हर दिन पहुंच रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 11:31 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 11:31 PM (IST)
वायरल फीवर से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे बच्चे
वायरल फीवर से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे बच्चे

मधुबनी । वायरल फीवर से सबसे अधिक बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। इन दिनों सदर अस्पताल में सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित बच्चे हर दिन पहुंच रहे हैं। इनमें एक से पांच साल तक के बच्चों की संख्या अधिक है। वायरल फीवर से पीड़ित इलाज के लिए सदर अस्पताल लाए जा रहे बच्चों को अस्पताल के शिशु विभाग में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। वहीं, हल्के फीवर वाले बच्चों के स्वजन दवा लेकर अपने घर लौट जाते हैं। जबकि, गंभीर रूप से शिकायत वाले बच्चों को इमरजेंसी में वार्ड में भर्ती किया जाता है। अत्यधिक रूप से गंभीर पीड़ित बच्चों को सदर अस्पताल से रेफर कर दिया जाता है। जाहिर है कि आर्थिक रूप से कमजोर लोग अपने बच्चों को लेकर इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं। वहीं, अन्य लोग अपने बच्चों को सदर अस्पताल की बजाय किसी प्राइवेट क्लिनिक में इलाज कराना उचित समझते हैं। शहर के निजी क्लीनिक में भी वायरल फीवर से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ रही है।

loksabha election banner

---------------

शिशु वार्ड में चल रहा बच्चों का इलाज :

सदर अस्पताल के शिशु वार्ड में भर्ती दो माह की शबनम की माता शहर के भौआड़ा की जूबेदा खातून ने बताया कि पुत्री शबनम सर्दी, खांसी से पीड़ित है। शिशु वार्ड में भर्ती राजनगर की सुकृता देवी ने बताया कि उनकी नौ माह की दो पुत्री सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित है। वहीं शिशु वार्ड में भर्ती वायरल फीवर से पीड़ित नौ वर्षीया निखत की इशरत खातून ने बताया कि कई दिन से उनकी पुत्री बुखार से पीड़ित है। सदर अस्पताल पहुंची रहिका की अफसाना खातून ने बताया कि उनका सात माह का पुत्र अशद सर्दी, खांसी से पीड़ित है। उसकी तबीयत बिगड़ने से सदर अस्पताल इलाज को पहुंचे है। वहीं सदर अस्पताल में इलाज कराने को पहुंचे कलुआही प्रखंड के बेलाही गांव निवासी मो. रजाउल्लाह ने बताया कि उनकी ढाई वर्ष की पुत्री सादिया का हाथ टूट गया है। सदर सदर अस्पताल में एक्स-रे कराया लेकिन प्लास्टर के लिए घंटो से चिकित्सक का इंतजार कर रहे हैं। अस्पताल द्वारा लिखी गई दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ी है।

---------------

अब तक डेंगू का नहीं मिला कोई मामला :

सदर अस्पताल के ओपीडी में प्रतिदिन 25 से 35 वायरल फीवर से पीड़ित बच्चे पहुंच रहे हैं। सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ. डीएस मिश्रा ने बताया कि सदर अस्पताल में वायरल फीवर से पीड़ित बच्चों का समुचित इलाज किया जा रहा है। वायरल फीवर से संबंधित किसी भी तरह की दवाओं की कोई कमी नहीं है। सदर अस्पताल में अब तक डेंगू का कोई मामला सामने नहीं आया है। वहीं, सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि जिले में डेंगू का मामला सामने नहीं आया है। सदर अस्पताल सहित जिले के सभी पीएचसी पर डेंगू किट उपलब्ध कराई जाए रही है, ताकि देश के डेंगू प्रभावित हिस्सों से लौटने वाले लोगों में डेंगू की शिकायत पर शीघ्र ही काबू पाया जा सके। सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में नवजात का समुचित इलाज किया जा रहा है।

----------------

''बारिश के दिनों में मच्छरों के पनपने से डेंगू का खतरा बना रहता है। वायरस फीवर को लेकर भयभीत होने के बजाय सतर्क रहने की जरूरत है। डेंगू की शुरूआत तेज बुखार, सिरदर्द और पीठ में दर्द से होती है। जोड़ों में बहुत दर्द होता है। आंखें लाल हो जाती हैं। बुखार के साथ शरीर में खून की कमी हो जाती है। इस रोग को जन्म देने वाला मच्छर स्वच्छ रुके हुए कम पानी में पैदा होता है। घर के आस-पास, छत, बेकार पड़े बर्तन, फ्रिज की ट्रे, कूलर की टंकी में पानी जमा नहीं होने देना चाहिए।''

- डॉ. डीके झा, शिशु रोग विशेषज्ञ, सदर अस्पताल

--------------

''वायरस फीवर के प्रकोप व डेंगू की आशंका को लेकर सचेत रहने की जरूरत है। वैसे तो डेंगू का प्रकोप इन दिनों यहां नहीं देखा जा रहा है। लेकिन सतर्कता बरतना चाहिए। डेंगू बुखार के रोगी को बेचैनी, तेज बुखार उल्टी, बदन दर्द जैसी शिकायत होती है। ऐसे रोगियों को स्वच्छ वातावरण में बेहतर उपचार के साथ मसालेदार भोजन से परहेज करना चाहिए। इस तरह के लक्षण पाए जाने पर रोगी को शीघ्र ही स्वास्थ्य केन्द्रों पर पहुंचकर चिकित्सकों से सलाह लेना चाहिए। डेंगू मरीज को तले हुए व्यंजन की जगह सुपाच्य भोजन, नारियल पानी व स्वच्छ पेयजल लेना चाहिए।''

- डॉ. एनके झा, होमियोपैथ चिकित्सक

-----------------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.