सीएए नागरिकता देने का कानून, लेने का नहीं
मधुबनी। सीएए के समर्थन में भाजपा की मंगलवार को उगना चौक से अनुमंडल कार्यालय तक भव्य तिरंगा यात्रा निकली।
मधुबनी। सीएए के समर्थन में भाजपा की मंगलवार को उगना चौक से अनुमंडल कार्यालय तक भव्य तिरंगा यात्रा निकली। इसका नेतृत्व भाजपा के सांसद डॉ. अशोक कुमार यादव कर रहे थे। यात्रा के दौरान भाजपा के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं व महिला कार्यकर्ताओं ने पीएम मोदी व गृह मंत्री अमित शाह के समर्थन में नारेबाजी की। बेनीपट्टी बाजार के डॉ. लोहिया चौक, इंदिरा चौक, विद्यापति चौक, डॉ. आंबेडकर चौक होते हुए यात्रा अनुमंडल कार्यालय पहुंची। अनुमंडल कार्यालय परिसर में भाजपा के मंडल अध्यक्ष विमल कुमार झा की अध्यक्षता में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए सांसद डॉ. अशोक कुमार यादव ने कहा कि सीएए नागरिकता छीनने का नहीं बल्कि देने का कानून है। मुद्दाविहीन विपक्ष सीएए के नाम पर जनता को गुमराह कर रही है। कांग्रेस ने देश को धर्म के आधार पर बांटने का काम किया है। पाकिस्तान में हिदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। पीएम व गृहमंत्री के नेतृत्व में सीएए आने के बाद कांग्रेस के पेट में दर्द हो रहा है। पूरे दुनिया में भारत ही एक देश है जो हिदुओं को शरण दे सकता है। कश्मीर में कांग्रेस के शासन काल में पांच लाख कश्मीरी पंडितों को प्रताड़ित कर भगा दिया गया। विपक्ष फंडिग कर सीएए के नाम पर लोगों को उकसा रही है। हम संविधान व कानून को मानते हैं। मगर, विपक्ष के द्वारा एक वर्ग विशेष को भ्रमित कर उकसाया जा रहा है। सीएए का विरोध नहीं एनआरसी का विरोध कर रहे हैं।
डॉ. यादव ने कहा कि देश की आजादी के बाद पाकिस्तान में 22 प्रतिशत हिन्दू थे। मगर, आज दो प्रतिशत रह गए। कांग्रेस पार्टी इसपर चुप्पी साध ली है। सीएए और एनआरसी पर कांग्रेस और अन्य पार्टियों के दुष्प्रचार के जवाब देते हुए कहा कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक कहलाने वाले अन्य धर्मो के लोगों का धर्म परिवर्तन करा दिया जाता है। इन देशों में रहने वाले अन्य धर्मो की बहन-बेटियों की इज्जत खतरे में है। इस अवसर पर भाजपा के जिलाध्यक्ष शंकर झा, पूर्व जिलाध्यक्ष घनश्याम ठाकुर, पूर्व विधायक अरूण शंकर प्रसाद, हरिभूषण ठाकुर बचोल, रामदेव महतो, रंधीर ठाकुर, देवेंद्र प्रसाद यादव, जिला परिषद सदस्या मिलन देवी, खुशबू कुमारी, भाजपा महिला सेल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. किरण झा आदि ने विचार प्रकट किए।