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पीएचसी में चल रहा अंधराठाढ़ी रेफरल अस्पताल

अंधराठाढी का एकमात्र रेफरल अस्पताल खुद बीमार है। जिस कारण इसे खुद इलाज की दरकार है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 09:54 PM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 09:54 PM (IST)
पीएचसी में चल रहा अंधराठाढ़ी रेफरल अस्पताल
पीएचसी में चल रहा अंधराठाढ़ी रेफरल अस्पताल

मधुबनी। अंधराठाढी का एकमात्र रेफरल अस्पताल खुद बीमार है। जिस कारण इसे खुद इलाज की दरकार है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि 36 बेड का यह रेफरल अस्पताल फिलहाल 9 बेड के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में चल रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर इलाज और विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवा उपलब्ध कराना रेफरल अस्पताल का मूल उद्देश्य है। लेकिन सरकारी व विभागीय उदासीनता से इस उद्देश्य की मिट्टी पलीद हो रही है।

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गौरतलब है कि 1984 के दशक में 36 बेड के इस रेफरल अस्पताल का उद्घाटन तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री दिनेश कुमार ¨सह ने किया था। देख-रेख के अभाव में अस्पताल का अपना पुराना भवन जर्जर हो जाने के कारण इसे परित्यक्त घोषित कर दिया गया है। विगत आठ वर्षो से अंधरा के पीएचसी भवन में हीं रेफरल अस्पताल चल रहा है। पीएचसी भवन, स्टाफ क्वार्टर, चिकित्सक क्वार्टर आदि भी तरह जर्जर है। आउटडोर और इमरजेसी वार्ड के अलावा प्राय: सभी पुराने भवन की हालत भी जीर्ण-शीर्ण है। जिस कारण रोगियों को भारी कठिनाई हो रही है।

आधिकारिक तौर पर रेफरल अस्पताल भवन को परित्यक्त घोषित कर दिया गया है। दवाखाना, एक्सरे और प्रसव कक्ष आदि की हालत भी बद से बदतर है। स्टाफ क्वार्टर जीर्ण-शीर्ण रहने के कारण एएनएम एवं अन्य स्टाफ को किराए के मकान में रहना पड़ता है। अधिकांश चिकित्सक अपनी साप्ताहिक ड्यूटी के दिन अस्पताल आते हैं और ड्यूटी समाप्त होने के बाद चले जाते है। चिकित्सकों के बैठने की कमी के कारण प्रतिदिन मात्र एक ऑउटडोर चलता है। केवल एक चिकित्सक के द्वारा आउट डोर चलाने से रोगी को लंबे समय तक लाइन में लगना पडता है।

तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा ने स्वास्थ्य विभाग को रेफरल अस्पताल के जर्जर भवन के जिर्णोंद्धार और विशेष चिकित्सीय सुविधा उपलव्ध कराने के लिए पत्र लिखा था। पत्र के आलोक में स्वास्थ्य विभाग ने प्राक्कलन भी तैयार करावाया था। मगर तकरीबन पांच साल बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। विधायक रामप्रीत पासवान के मुताबिक अस्पताल के नवनिर्माण के लिए सरकार ने सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है। नए भवन का निर्माण 6 करोड़ की लागत से किया जाएगा। भवन निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया चालू हो गयी है। बहुत जल्द नए भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।


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